पीयूष चिलवाल | Navpravah.com
आख़िरी बार पिता से ढ़ाई मिनट की बातचीत में यही कहा कि बेटी के जन्मदिन पर घर आऊंगा। अगस्त के आख़िर में 2 साल की बेटी के जन्मदिन पर घर आने की सोच रहे मेजर कमलेश की शहादत की खबर जैसे ही क्षेत्र के लोगों तक पहुंची तो हर कोई नम आंखों के साथ शहीद के घर पहुंच गया।
गुरुवार को जम्मू कश्मीर के शोपियां में गुरुवार को आतंकरोधी अभियान में शहीद हुए उत्तराखण्ड के हल्द्वानी की हिम्मतपुर मल्ला कालोनी में रहने वाले मेजर कमलेश को शुक्रवार को सैन्य सम्मान और नम आंखों से हल्द्वानी में अंतिम विदाई दी गयी।
शहादत की खबर सुन शहीद की मां और पत्नि जहां बेसुध हो गयी तो राखी से ठीक पहले भाई को खोने वाली बहन के लिए ये रक्षाबंधन सदा के लिए गम दे गया।
रिटायर्ड फौजी पिता मोहन पांडे और आर्मी पोस्टल सर्विस में वारंट अफसर छोटे भाई भी अपने आंसुओं को काबू नहीं कर सके। परिवार को बेटे को खोने पर गर्व है तो देश सेवा में बेटे की शहादत पर फ़ख्र भी है। शुक्रवार को मेजर की अंतिम विदाई में जहां जमीन रोई तो आसमान भी खुद पर काबू न कर सका और जी भर के रोया।
PC: NDTV, ANI, Uttarakhand Josh