पीयूष चिलवाल | Navpravah.com
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट के जरिये अयोध्या के राम मंदिर मसले की सुनवाई शुरू करने पर अपनी सहमति जताई है। तीन जजों की खंडपीठ 11 अगस्त को दो बजे से इस मामले की सुनवाई शुरू करेगी। पिछले महीने मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर ने कहा था कि इस मसले पर वे जल्दी कोई फैसला लेंगे।
2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ के फैसले के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित पड़ा है। हाई कोर्ट की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने मंदिर के 2.77 एकड़ विवादित क्षेत्र को इसके तीनों पक्षकार निर्मोही अखाड़ा, रामलला विराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बांटने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही रोक लगा चुका है और सभी पक्षों को आपसी सहमति से मसले का हल निकालने की राय दी थी और मध्यस्थता के लिए किसी जज की नियुक्ति कर सकने की बात कही थी।
राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर हिंदुओं और मुस्लिमों के मध्य लगभग 70 सालों से अदालत में विवाद चल रहा है और अस्सी के दशक में राम मंदिर का ताला खुला तो यह विवाद और बढ़ गया।
1992 में बाबरी मस्जिद ढहाने के मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अन्य के खिलाफ आपराधिक केस शुरु करने का आदेश जारी किया था।