पीयूष चिलवाल । Navpravah.com
महीने भर पहले ही छुट्टी काट कर ड्यूटी पर लौटे पवन की शहादत की खबर जैसे ही घर पर पहुंची तो सन्नाटा पसर गया। जम्मू कश्मीर के पुंछ स्थित कृष्णा घाटी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा स्नाइपर दागा गया, जिसमें उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीघाट के रहने वाले सिपाही पवन सिंह सुगड़ा शहीद हो गए।
पवन 20 कुमांऊं यूनिट के सिपाही थे और 2016 में सेना में भर्ती हुए थे। 6 माह पहले ही बतौर पहली पोस्टिंग उन्हें सरहद पर भेजा गया था। मार्च में पासिंग परेड पूरी करने के बाद वे एक माह घर पर रहने के बाद 15 जून को देश सेवा के लिए घर से निकल गए थे।
सप्ताह भर में ही उत्तराखण्ड ने सरहद पर अपना दूसरा बेटा खोया है। मेजर कमलेश की शहादत का दर्द अभी कम भी नहीं हुआ था कि 20 साल के जवान पवन की शहादत की खबर मंगलवार रात पहुंच गयी। पवन का पार्थिव शरीर आज सुबह श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उनके पैतृक गांव भेजा जाएगा।
मेजर कमलेश की तरह पवन का परिवार भी देश सेवा से जुड़ा हुआ है। पिता रिटायर्ड फौजी हैं तो बड़े भाई और बहनोई पुलिस में हैं। चार भाई बहनों में तीसरे नंबर के पवन बेहद मृदुभाषी होने के कारण गांव में सभी के प्रिय थे। उनकी शहादत से पूरे गांव में गम का माहौल है।