Defence Expo 2020: PM मोदी बोले- भारत की बढ़ेगी सुरक्षा, डिफेंस सेक्टर में रोजगार के नए अवसर

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ में एशिया की सबसे बड़ी रक्षा उत्पादों की प्रदर्शनी ‘Defence Expo 2020’ बुधवार को शुरु हो गई है। जिसका उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आयोजन स्थल वृंदावन योजना के मुख्य हाल में पहुंचे और बटन दबाकर Defence Expo 2020 का श्रीगणेश किया। इससे पहले CDS जनरल बिपिन रावत के साथ नौसेना, वायुसेना और थलसेना प्रमुख ने आयोजन स्थल वृंदावन योजना में पीएम मोदी का स्वागत किया

बताया जा रहा है Defence Expo 2020 में रक्षा उपकरणों के कारोबारियों के इस समागम में 70 से ज्यादा देशों की 1028 कंपनियां अपने उत्पादों और तकनीकों का प्रदर्शन करेंगी। इनमें 856 भारतीय और 172 विदेशी कंपनियां हैं। Defence Expo के दौरान रक्षा सौदों से जुड़े तकरीबन 200 से ज्यादा सहमति पत्र (एमओयू) हस्ताक्षरित होंगे। इस चार दिवसीय आयोजन में 39 देशों के रक्षा मंत्री भी शिरकत करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत में दो बड़े डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें से एक तमिलनाडु में और दूसरा यहीं उत्तर प्रदेश में हो रहा है। यूपी के डिफेंस कॉरिडोर के तहत यहां लखनऊ के अलावा अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट और कानपुर में नोडस स्थापित किए जाएंगे। वैसे यहां पास में ही अमेठी के कोरबा में इंडो रसियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के बारे में आपने जरूर सुना होगा।

मोदी ने कहा कि हमारी सरकार, डिफेंस सेक्टर में FDI नियमों को भी आसान किया गया है। अब डिफेंस सेक्टर में 100 प्रतिशत FDI का रास्ता साफ हुआ है। जिसमें से 49 प्रतिशत ऑटोमेटिव रूट से संभव हो सकता है। बीते 5 वर्षों डिफेंस सेक्टर में 1700 करोड़ के FDI आने का रास्ता साफ हुआ है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के बनने से डिमांड और मैन्यूफैक्चरिंग की प्रक्रिया और आसान होने वाली है। इसका निश्चित लाभ डिफेंस सेक्टर्स से जुड़े उद्योगों को होगा और इस सेक्टर में इन्वेस्ट करने के इच्छुक आप सभी इंवेस्‍टर्स को होगा।

पीएम ने कहा कि हमारी सरकार चाहती है कि डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग सिर्फ सरकारी संस्थानों तक सीमित न हो, बल्कि इसमें निजी क्षेत्र की भी बराबर की साझेदारी हो। मैं समझता हूं कि उपयोगकर्ता और उत्पादक यानि यूजर और प्रोड्यूसर के बीच भागीदारी से राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक शक्तिशाली बनाया जा सकता है। मुझे लगता है कि उपयोगकर्ता और निर्माता के बीच एक साझा संबंध राष्ट्रीय सुरक्षा को लाभ देगा। भारत और विदेश दोनों से निजी क्षेत्र की कंपनियां इसमें योगदान कर सकती हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के बाद हमने स्थिति में बदलाव के लिए एक के बाद एक नीतिगत सुधार किए हैं। पिछले 5 वर्षों में इज ऑफ डूइंग बिजनेस में अभूतपूर्व बढ़ोतरी देखी गई है। यह रक्षा क्षेत्र में भी मदद कर रहा है। ‘मेक इन इंडिया, फॉर इंडिया और फॉर द वर्ल्ड’ आज भारत का मंत्र है। पहले डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग में प्राइवेट सेक्टर को टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की बहुत समस्याएं आती थीं। इसके लिए अब रास्ते खोले गए हैं और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) में भारतीय उद्योगों के लिए बिना चार्ज के ट्रांसफर ऑफ टेक्‍नोलॉजी की नीति बनायी गई है।

पीएम मोदी ने कहा कि डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में भारत कई वर्षों तक भारत प्रमुख शक्तियों में से एक रहा, लेकिन आजादी के बाद हमने अपनी इस ताकत का उपयोग उस गंभीरता से नहीं किया, जितना हम कर सकते थे। हमारी नीति और रणनीति इंपोर्ट तक सीमित रह गई।

पीएम ने कहा कि तकनीक का गलत इस्तेमाल, आतंकवाद और साइबर थ्रेट, पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती हैं। नई सुरक्षा की चुनौतियों को देखते हुए दुनिया की तमाम डिफेंस फोर्सेस, नई तकनीक को विकसित कर रही हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। हमने रक्षा क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग को बढ़ाने के लिए एक रोडमैप बनाया है। आज बहुत सारे प्रोटोटाइप्‍स लॉन्च किए जा रहे हैं। अगले पांच वर्षों में, हम रक्षा क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता से जुड़े कम से कम 25 उत्पादों को विकसित करना चाहते हैं।

पीएम ने कहा कि एक्सपो की थीम ‘डिफेंस का डिजिटल परिवर्तन’ है, जो वर्तमान और भविष्य का अभिन्न अंग है। कहा कि मानव जीवन का इतिहास जितना पुराना है, सुरक्षा की चुनौतियों का इतिहास भी उतना ही पुराना है। उन चुनौतियों से निरटने के तरीकों को भी समय-समय पर दुनिया नेे देखे हैं। इस डिफेंस एक्सपो की थीम भी आने वाले कल की चुनौतियों पर केंद्रित है। तकनीक, आतंकवाद और साइबर खतरों का गलत इस्तेमाल पूरी दुनिया के लिए बड़ी बाधा है।

पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग अर्थव्यवस्था और रक्षा को समझते हैं, वे जानते हैं कि भारत केवल एक बाजार नहीं है, बल्कि पूरे विश्व लिए एक बड़ा अवसर भी है। दुनिया में जब 21वीं सदी की चर्चा होती है, तो स्वाभाविक रूप से भारत की तरफ ध्यान जाता है। आज का ये डिफेंस एक्सपो भारत की विशालता, व्यापकता, विविधता और विश्व में उसकी विस्तृत भागीदारी का सबूत है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह आयोजन पूरे भारत के युवाओं के लिए बहुत बड़ा अवसर है। मेक इन इंडिया से भारत की सुरक्षा बढ़ेगी। वहीं डिफेंस सेक्टर में रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। इससे भविष्य में डिफेंस एक्सपोर्ट को भी बल मिलेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि इस बार 1,000 से ज्यादा डिफेंस मैन्युफैक्चर और दुनियाभर से 150 कंपनी इस Expo का हिस्सा हैं। इसके अलावा 30 से ज्यादा देशों के डिफेंस मिनिस्टर्स और सैकड़ों व्यवसाय प्रधान भी यहां उपस्थित हैं। आज का ये अवसर भारत की रक्षा-सुरक्षा की चिंता करने वालों के साथ-साथ पूरे भारत के युवाओं के लिए भी बड़ा अवसर है। मेक इन इंडिया से भारत की सुरक्षा तो बढ़ेगी ही, डिफेंस सेक्टर में रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य होने के साथ आने वाले समय में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब भी होने जा रहा है। यह डिफेंस एक्सपो अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है। ऐसे में नए दशक के इस पहले Defence Expo का यहां होना अपने आप में प्रसन्नता का विषय है।

लखनऊ में हो रहे डिफेंस एक्सपो में पहली बार अमेरिकी दिग्गज एयरोस्पेस कंपनी लॉकहीड मार्टिन का आधुनिक एफ-35 फाइटर जेट आ रहा है। यह सबसे बड़ा आकर्षण बन सकता है। इसके अलावा यूरोपीय विमान निर्माता एयरबस अपने नवीनतम सैन्य उपकरणों और तकनीक को कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शित करेगा। एयरबस के प्रदर्शन में सी-295 विमान के मॉडल शामिल होंगे। इसके अलावा एएस एमबीई 565 पैंथर विमान, एच 145 एम और एच 225 एम हेलिकॉप्टर भी नजर आएंगे।

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