शिखा पाण्डेय । Navpravah.com
भारत को रक्षा के क्षेत्र में अत्यधिक शक्तिशाली बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। संसद में पेश किए गए मिड ईयर रिव्यु में जानकारी दी गई है कि सरकार का ‘डिफेंस बजट’ वर्ष 2019-20 तक 22 फीसदी बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपए के पार कर दिया जाएगा। यही नहीं वर्ष 2019-20 तक कैपिटल एक्सपेंडिचर 25 फीसदी बढ़कर 3.9 लाख करोड़ रुपए हो जाने का भी अनुमान है।
संसद में पेश मिड ईयर रिव्यु के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में कैपिटल एक्सपेंडिचर 3,09,801 करोड़ रुपए का प्रस्तावित है, जबकि यह 2018-19 में बढ़कर 3,41,000 करोड़ रुपए और 2019-20 में बढ़कर 3,90,000 करोड़ रुपए हो जाएगा।
रिव्यु के अनुसार कैपिटल एक्सपेंडिचर का लगभग 30 फीसदी डिफेंस पर खर्च होता है। यह खर्च चालू वित्तीय वर्ष में 91,580 करोड़ रुपए प्रस्तावित है, जबकि वर्ष अगले वित्तीय वर्ष में यह बढ़कर 1,01,137 करोड़ रुपए और वर्ष 2019-20 में यह खर्च बढ़कर 1,11,706 करोड़ रुपए हो जाएगा। सरकार का इस वक्त परियोजनाओं पर कुल रेवेन्यु एक्सपेंडिचर 21.46 लाख करोड़ रुपए का है। यह अगले वर्ष बढ़कर 23.4 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा। वर्ष 2019-20 में बढ़कर 25.95 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा।
रिव्यु में पेट्रोलियम सब्सिडी घटने का अनुमान जताया गया है। चालू वित्तीय वर्ष में यह सब्सिडी करीब 25 हजार करोड़ रुपए है जो अगले साल घट कर 18 हजार करोड़ रुपए हो जाने का अनुमान है। इसके अगले साल में यह सब्सिडी 10 हजार करोड़ रुपए रह जाने का अनुमान लगाया गया है। सरकार ने पेट्रोल और डीजल को डिकंट्रोल कर दिया है, जिस कारण इस पर सब्सिडी का बोझ कम हुआ है।
रिव्यु में खाद सब्सिडी वर्ष 2019-20 तक 70 हजार करोड़ रुपए पर ही बनी रहने का अनुमान है। वहीं फूड सब्सिडी बढ़ने का अनुमान है। रिव्यु के अनुसार वर्ष 2018-19 में यह सब्सिडी बढ़कर 1.75 लाख करोड़ रुपए और वर्ष 2019-20 तक 2 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान जताया गया है। चालू वित्तीय वर्ष में फूड सब्सिडी पर 1.45 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान है।