अनुज हनुमत,
जनता की सुरक्षा का दायित्व पुलिस का होता है, पर इस समय यूपी के हालात ऐसे है कि प्रदेश में खाकी ही सुरक्षित नहीं लग रही है। पिछले 24 घंटे के अंदर उत्तर प्रदेश में दो दारोगा, बदमाशों के शिकार बने हैं।
पहली वारदात हापुड़ा की है, जहां गुरूवार को एक दारोगा की गोली मारकर हत्या कर दी। दारोगा का नाम सुखबीर सिंह यादव है और वो बागपत के सिंघावली थाने में तैनात थे। वारदात हापुड़ कोतवाली के मोदीनगर रोड पर हुई है जिसके बाद से क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ है। बदमाशों का शिकार बने सुखबीर की इलाज के दौरान मौत हुई।
पुलिस का कहना है कि दारोगा से लूट की कोशिश में बदमाशों ने उन्हें गोली मारी। वहीं इससे पहले यूपी के बदायूं में बुधवार रात को बदमाशों ने एक दारोगा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। 24 घंटे में दो दारोगा की मौत ने पुलिस महकमे में हलचल मचा दी है।
इससे पहले बुधवार रात यूपी के बदायूं में गश्त के दौरान बदमाशों ने एक दारोगा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। दरोगा सर्वेश यादव बदमाशों की बिना नंबर की बाइक को रोकने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी। दरोगा को तुरंत इलाज के लिए बरेली भेजा गया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। जैसे ही दारोगा को गोली मारे जाने की सूचना मिली पुलिस ने बदमाशों का पीछा किया और एक गांव के पास उन्हें घेर लिया। दोनों तरफ से कई राउंड फायरिंग हुई। जिसमें एक सिपाही घायल हो गया। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने एक बदमाश को दबोच लिया। जबकि दो बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। इन दोनों घटनाओं ने अब ये प्रश्न खड़ा कर दिया है की क्या वाकई ऐसे माहौल में जनता खुद को सुरक्षित महसूस कर सकती है जबकि खाकी ही सुरक्षित नही है ।