विकास कुमार तिवारी । Navpravah.com
पिछले कुछ समय से बॉलीवुड को संस्कारी बनाने में लगे सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने अपकमिंग फ़िल्म ‘इन्दु सरकार ‘ को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा है कि
‘इन्दु सरकार’ को कांग्रेस या गांधी परिवार में किसी से एनओसी लेने की जरूरत नहीं है।
पहलाज निहलानी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा, मैंने मधुर के ट्रेलर को देखा और मैं उन्हें भारतीय राजनीति के सबसे शर्मनाक अध्यायों में से पर्दा हटाने के लिए बधाई देना चाहता हूं। यह पुरी दुनिया में देश को शर्मसार करने वाला समय था। बहुत से बड़े नेताओं को इस दौरान जेल जाना पड़ा। भारतीय लोगों के मनोबल को कुचला गया था।
पहलाज निहलानी के इस टिप्पणी से इमर्जेंसी की पृष्ठभूमि पर फिल्म बना चुके निर्माता मधुर भंडारकर काफी सुकून में हैं। यूं तो पहलाज निहलानी अक्सर फिल्म मेकर्स को एनओसी लेने को कहते हैं, लेकिन उनके इस उदार व्यवहार से सब चकित है कि उनका इतना उदार व्यवहार क्यों है?
आपको बता दे कि वास्तविक घटनाओं और परिस्थितियों पर बनने वाली फिल्मों को संबंधित लोगों से एनओसी लिए बिना पास नहीं किए जाने का नियम सेंसर बोर्ड का ही है। जब यह नियम का प्रश्न पहलाज निहलानी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘इंदु सरकार किसी का नाम नहीं है। इंदिरा गांधी या संजय गांधी या किसी और का ट्रेलर में कोई जिक्र नहीं है।आप केवल शारीरिक समानता की वजह से फिल्म में उन लोगों के उल्लेख का अनुमान लगा रहे हैं। मैंने ट्रेलर में किसी के नाम का जिक्र नहीं सुना। अगर फिल्म में उनका उल्लेख किया गया है, तो हम देखेंगे। फिलहाल, मुझे खुशी है कि किसी ने इमर्जेंसी पर एक फिल्म बनाई है। यह हमारे राजनीतिक इतिहास में ‘काला धब्बा’ है’।
यह टिप्पणी इसलिए भी चौंकाने वाला है, क्योंकि पहलाज अक्सर कानून नियमों और संस्कार का हवाला देकर फिल्मों को बैन और सीन कटवाते रहते है। हाल ही में महिलाओं पर केंद्रित फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’, को सेंसर बोर्ड ने भारत में बैन कर दिया था। निर्माता प्रकाश झा की इस फिल्म को दुनियाभर में काफी सराहा जा रहा है और इसे कुछ पुरस्कारों के लिए भी चुना गया है।