अमित द्विवेदी | Navpravah.com
दो दिन पहले कांग्रेस को अल्टीमेटम देने वाले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की कांग्रेस ने बोलती बंद कर दी है। दरअसल हार्दिक पटेल ने कांग्रेस को चेतावनी दिया था कि कांग्रेस पाटीदारों के आरक्षण पर अपनी स्पष्ट राय व्यक्त करे, अन्यथा कांग्रेस की रैली की शक्ल बिगाड़ दी जाएगी। पहले तो कयास लगाया जा रहा था कि गुजरात चुनाव के मद्देनज़र कांग्रेस पाटीदारों के सामने घुटने टेक सकती है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
पाटीदारों के आरक्षण मामले पर कांग्रेस आलाकमान ने हार्दिक पटेल को कोई भरोसा नहीं दिया। कांग्रेस और हार्दिक पटेल के साथियों की इस मसले पर नौ घंटे की लम्बी बैठक भी हुई, लेकिन कांग्रेस ने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया। कांग्रेस ने जब हार्दिक की टीम को भाव नहीं दिया, तो हार्दिक के सुर ही बदल गए। दो दिन पहले कांग्रेस को अल्टीमेटम देने वाले हार्दिक अब कांग्रेस को सात दिनों का समय देने के लिए तैयार हो गए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि राहुल की रैली में पाटीदार कोई हंगामा नहीं करेंगे।
कन्फ्यूज़ हुए हार्दिक-
सूत्रों की मानें, तो कांग्रेस ने हार्दिक को कोई ठोस रोड मैप नहीं दिया है, लेकिन लीपापोती से बचने के लिए पाटीदारों के शीर्ष नेताओं ने कहा कि डील लगभग पक्की हो चुकी है, जल्द ही इसपर फैसला भी कर लिया जाएगा। इस पूरे प्रकरण में आरक्षण की व्यवस्था का रोड मैप देने के नाम पर समय मांग कर कांग्रेस ने पाटीदार नेताओं को घेरे में ले लिया है। अब हार्दिक की मजबूरी है कि वे और उनका समाज कांग्रेस को ही सपोर्ट करेंगे, हालाँकि ऐसा अभी तक हार्दिक ने आश्वासन नहीं दिया है। लेकिन सूत्रों का यही कहना है कि अब हार्दिक के पास इसके अलावा कोई चारा नहीं है।
पाटीदारों को आरक्षण दिए जाने के मामले में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने भी हार्दिक पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में हार्दिक को अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस ने तो पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी ओबीसी कोटे के तहत पाटीदारों को आरक्षण नहीं दे सकती है। गौरतलब है कि इससे पहले पटेल ने कांग्रेस से कहा था कि वह तीन नवंबर तक यह स्पष्ट करें कि सत्ता में आने पर वह पाटीदार समुदाय को कैसे आरक्षण देगी।