सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है, केंद्र सरकार ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से न केवल उनके सभी अधिकार छीन लिए हैं, बल्कि देर रात आदेश जारी कर एम नागेश्वर राव को सीबीआई का नया अंतरिम निदेशक नियुक्त कर दिया है।
सरकार के इस फैसले के बाद सीबीआई हेडक्वार्टर स्थित आलोक वर्मा के और राकेश अस्थाना के ऑफिस को सील कर दिया गया है, वहां न तो सीबीआईकर्मियों और न ही बाहरी लोगों को जाने की इजाजत दी जा रही है।
वर्तमान समय में एम नागेश्वर राव सीबीआई में ही संयुक्त निदेशक के पद पर कार्यरत हैं, इसके अलावा, सीबीआई में कार्यरत अतिरिक्त निदेशक पॉलिसी अरुण शर्मा और डीआईजी मनीष कुमार सिन्हा के खिलाफ भी कार्रवाई कर छुट्टी पर भेज दिया गया है।
सीबीआई के दो बड़े अधिकारियों के बीच मचा घमासान अब अदालत की दहलीज पर पहुंच गया है और कल दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही में यथास्थिति बरकरार रखे।
जबकि वहीं एक निचली अदालत ने घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किये गए एजेंसी के डीएसपी देवेंद्र सिंह को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि, अस्थाना और देवेंद्र सिंह के खिलाफ जबरन वसूली और जालसाजी के आरोप जोड़े गए हैं, कुमार को कथित तौर पर घूस लेने, रिकॉर्ड में हेरफेर के मामले में सोमवार को गिरफ्तार किया गया था।
अपने ऊपर दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए अस्थाना ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, इस पर न्यायाधीश ने सीबीआई से कहा कि, वह मामले में विशेष निदेशक के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही पर 29 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखे।