अनुज हनुमत | Navpravah.com
यूपी विधानसभा चुनावों की तारीख नजदीक हैं, लेकिन सूबे की दो प्रमुख पार्टियों में अभी तक उम्मीदवारों को लेकर माथापच्ची हो रही है। कांग्रेस और भाजपा ने अभी तक उम्मीदवार नहीं घोषित किये हैं। सूत्रों की मानें तो दोनों ही पार्टियाँ 20 तारीख तक अपने उम्मीदवार घोषित कर देंगी।
कल देर शाम तक यूपी और उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के नाम पर भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति में मंथन चला। लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि यूपी के उम्मीदवारों को लेकर पेंच फस रहा है, जिस कारण कल घोषणा नहीं हो पाई। गौरतलब हो कि कल भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए रात में बैठक की। इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित राजनाथ सिंह पार्टी के बड़े नेता मौजूद थे।
पार्टी सूत्रों की मानें तो यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की पहली लिस्ट सोमवार को जारी होगी। यूपी से 150 और उत्तराखंड से करीब 50 उम्मीदवारों के नाम लगभग तय हैं, जिनका ऐलान कल होने की संभावना है। खबर ये भी है कि पार्टी द्वारा उत्तराखंड की 70 सीटों में से अधिकतर पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा किए जाने की संभावना है, जहां 15 फरवरी को चुनाव होना है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए सात चरणों में चुनाव होगा जो 11 फरवरी से शुरू होगा।
देखना होगा कि भाजपा किन समीकरणों को ध्यान में रखकर अपने सियासी सूरमाओं को मैदान में उतारती है। जानकारों की मानें तो भाजपा का भी पूरा ध्यान अन्य विरोधी पार्टियों की तरह जातिगत समीकरणों पर होगा जो आज जारी होने वाली पहली लिस्ट से स्पष्ट हो जायेगा। सभी पार्टियों की नजर इस बार सबसे ज्यादा ब्राह्मण वोट बैंक पर है इसीलिए सपा, बसपा ने अपने उम्मीदवारों में ब्राह्मणों को सबसे ज्यादा मौक़ा दिया है। उधर कांग्रेस पहले ही अपना ब्राह्मण प्रेम दिखाते हुए सीयम चेहरे के रूप में शीला दीक्षित को मैदान में उतार चुकी है। अब नम्बर भाजपा का है, जो इन समीकरणों को साधने में सभी पार्टियों से पीछे नहीं रहना चाहेगी। देखना होगा कि भाजपा कितने ब्राह्मण प्रत्याशियों को मौक़ा देती है।