पिछले कुछ समय से लगातार अपने मंत्रियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोपों को झेल रहे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज सोमवार को एक कड़ा कदम उठाते हुए दो मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया। सूबे के मुख्यमंत्री ने सबसे पहले बड़ा निर्णय लेते हुए कोयला और खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया और कुछ ही घंटों बाद पंचायती राज मंत्री राज किशोर सिंह को भी बर्खास्त कर दिया।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने दोनों मंत्रियों की बर्खास्तगी के लिए राज्यपाल राम नाईक को लेटर भी भेजा दिया है। आपको बता दें कि हाल ही में हाईकोर्ट ने सूबे में खनन घोटाले के मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद आज मुख्यमंत्री ने यह बड़ा कदम उठाया है ।
इन दोनों मंत्रियों के खिलाफ लगातार भ्रष्टाचार में शामिल होने की खबरें सूबे के मुखिया अखिलेश यादव तक पहुँच रही थीं । मंत्रियो पर लग रहे इन तमाम आरोपों के कारण चुनाव से ठीक पहले सरकार की साख पर बट्टा भी लग रहा था। सरकार ने मंत्रियों को बर्खास्त करके यह सन्देश देने की कोशिश की है कि किसी भी हालत में सरकार को भ्रष्टाचार मंजूर नहीं है। सीएम अखिलेश के इस कदम को डेमैज कंट्रोल बताया जा रहा है ।
गौरतलब है कि यूपी में अवैध खनन की सीबीआई जांच रुकवाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की बड़ी बेंच में पहुंची अखिलेश सरकार को तगड़ा झटका लगा था। हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच पर रोक लगाने से इनकार करते हुए राज्य सरकार से सवाल पूछा था कि अगर खनन में कोई गड़बड़ी नहीं है तो सरकार जांच से क्यों बचना चाहती है ?
आपको बता दें कि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जानेवाले गायत्री प्रजापति अपनी कार्यशैली को लेकर पहले भी विवादों में रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने प्रजापति के खिलाफ खनन के जरिये अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त से भी शिकायत की थी। कुल मिलाकर समाजवादी पार्टी यह नहीं चाहती कि चुनाव से ठीक पहले विपक्ष को कोई मुद्दा मिल जाये।