सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
भीमा कोरेगांव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम फैसला सुनाया है, मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि पुलिस कौन होती है ये कहने वाली कि सुप्रीम कोर्ट दखल न दें।
कोर्ट ने सरकार को आदेश देते हुए कहा है कि, अगली सुनवाई तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी, लेकिन आरोपियों की घर में नजरबंदी जारी रहेगी, उच्चतम न्यायालय ने कोरेगांव-भीमा मामले में पांच कार्यकर्ताओं की नजरबंदी को 12 सितंबर तक आगे बढ़ाने का आदेश दिया है।
उच्चतम न्यायायल ने कहा कि जब मामले की सुनवाई अदालत में रहो रही हो तो महाराष्ट्र सरकार अपनी पुलिस को ज्यादा जिम्मेदार होने का निर्देश दे, महाराष्ट्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि इन कार्यकर्ताओं को नजरबंद रखने से इस मामले की जांच प्रभावित होगी।
भीमा कोरेगांव केस में महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि गिरफ्तार किए गए पांचों एक्टिविस्ट समाज में अराजकता फैलाने की योजना बना रहे थे, पुलिस के पास इसके पुख्ता सबूत हैं।
राज्य सरकार ने कहा कि एक्टिविस्ट को उनके सरकार कर प्रति अलग सोच या विचारों की वजह से गिरफ्तार नहीं किया गया है, उनके खिलाफ पक्के सबूत पुलिस के पास हैं, उन्हें पुलिस हिरासत में दिया जाना चाहिए।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था और पांचों एक्टिविस्टों को राहत देते हुए उन्हें 6 सितंबर तक हाउस अरेस्ट यानी घर में ही नजरबंद रखने का आदेश दिया था।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व है, इसे रोका तो यह फट जाएगा, वहीं, दूसरी ओर याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि एफआईआर में गिरफ्तार किए लोगों का नाम तक नहीं है।
भीमा कोरेगांव केस में महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को हलफनामा दाखिल कर बताया था कि गिरफ्तार किए गए पांचों एक्टिविस्ट समाज में अराजकता फैलाने की योजना बना रहे थे, पुलिस के पास इसके पुख्ता सबूत हैं।
राज्य सरकार ने कहा कि इस बात के सबूत पुलिस को मिले हैं कि पांचों एक्टिविस्ट प्रतिबंधित आतंकी (माओवादी) संगठन के सदस्य हैं, ये न केवल देश मे हिंसा की योजना बना रहे थे, बल्कि इन्होंने बड़े पैमाने पर देश मे हिंसा और तोड़फोड़ व आगजनी करने की तैयारी भी शुरू कर दी थी, इससे ये समाज मे अराजकता का माहौल पैदा करना चाहते थे, इनके खिलाफ गंभीर अपराध का केस बनाया गया है।