भीमा-कोरेगांव मामले में सीएम ने दीए जाँच के आदेश, मृतक के परिवार को मिलेगा 10 लाख का मुआवजा 

भीमा-कोरेगांव लड़ाई के बीच हुई हिंसा

पारुल पाण्डेय | Navpravah.com 

पुणे के भीमा-कोरेगांव में सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा मामले में  राज्य सरकार  की ओर से एक अहम बयान सामने आया है। इस हिंसा में जहाँ एक की मौत हुई थी वहीं कई लोग घायल हुए हैं। इसपर महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही मृतक के परिवार को 10 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है। 

इस मामले में महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने अपनी राय रखते हुए कहा कि “भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर करीब तीन लाख लोग आए थे। इस दौरान हमने पुलिस की 6 कंपनियां तैनात की थी। कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने के लिए हिंसा फैलाई। इस तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीएम ने इसपर  न्यायिक जांच के आदेश देने की बात कही और मृतक के परिवार वालों को 10 लाख के मुआवजा देने की जानकारी दी। सीएम ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए नेताओं से अपील की है कि वे ऐसा कोई बयान न दें, जिससे तनाव हो। वहीं पुलिस ने भी लोगों से अफवाहों पर ध्‍यान न देने की अपील की है।   

दरअसल, पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई है। इस लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा की सेना को हराया था। दलित नेता इस ब्रिटिश जीत का जश्न मनाते हैं। ऐसा समझा जाता है कि तब अछूत समझे जाने वाले महार समुदाय के सैनिक ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की ओर से लड़े थे। हालांकि, पुणे में कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने इस ‘ब्रिटिश जीत’ का जश्न मनाए जाने का विरोध किया था।

पुलिस के अनुसार जब लोग गांव में युद्ध स्मारक की ओर बढ़ रहे थे, तो मंगलवार दोपहर शिरूर तहसील स्थित भीमा कोरेगांव में पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई है। हालांकि, उसकी पहचान और कैसे उसकी मौत हुई, इसकी सही जानकारी नहीं प्राप्त हुई है। 

हिंसा तब शुरू हुई जब एक स्थानीय समूह और भीड़ के कुछ सदस्यों के बीच स्मारक की ओर जाने के दौरान किसी मुद्दे पर बहस हुई। भीमा कोरेगांव की सुरक्षा के लिए तैनात एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बहस के बाद पथराव शुरू हुआ। हिंसा के दौरान कुछ वाहनों और पास में स्थित एक मकान को क्षति पहुंचाई गई। उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना के बाद कुछ समय के लिये पुणे-अहमदनगर राजमार्ग पर यातायात रोक दिया। उन्होंने बताया कि गांव में अब हालात नियंत्रण में है।

अधिकारी ने बताया, ‘राज्य रिजर्व पुलिस बल की कंपनियों समेत और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है’। उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन नेटवर्क को कुछ समय के लिए अवरूद्ध कर दिया गया ताकि भड़काऊ संदेशों को फैलाने से रोका जा सके। 

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