सुनील यादव । Navpravah.com
जम्मू-कश्मीर के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल माजिद के आत्मसमर्पण करने के बाद, उसे मुफ़्ती सरकार से बड़ी राहत मिली है। अनंतनाग के रहने वाले माजिद पेशे से फुटबालर हैं। भारतीय सेना और मुफ़्ती सरकार ने माजिद पर कोई आपराधिक मामला न दर्ज करते हुए दरियादिली दिखाई है और फुटबॉल में मदद करने व करियर बनाने का मौका देने का वादा भी किया है।
20 वर्षीय माजिद कुछ लोगों के बहकावे में आकर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ गए थे। जिसके बाद माजिद के परिवार वाले और उसके दोस्त सदमे में आ गए थे। हालाँकि एक सप्ताह बाद ही माजिद ने परिवार वालों के कहने पर भारतीय सेना को आत्मसमर्पण कर दिया।
माजिद के लश्कर-एतैयबा छोड़, आत्मसमर्पण करने के बाद भारतीय फुटबॉल टीम के पुर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया ने उसे ट्रेनिंग देने की पेशकस की है। बाइचुंग भूटिया ने माजिद को जम्मू-कश्मीर में अपनी फुटबॉल की एक टीम बनाने को कहा है। इसके लिए भूटिया ने जम्मू-कश्मीर फुटबॉल असोसिएशन को चिट्ठी लिखी है।
जम्मू-कश्मीर की मुफ़्ती सरकार हमेशा से कश्मीर के युवाओं को मुठभेड़ में मारने के बजाय जिंदा पकड़ने की बात कहती रही है। कश्मीर आईजीपी मुनीर खान ने कहा कि माजिद कश्मीरी समाज का हिस्सा है और उसे भी अच्छी जिंदगी जीने का पूरा हक है।