एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
राजस्थान के अलवर जिले में 9 मई को 7 माह की बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी को एससी एसटी कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी गयी है, पोक्सो एक्ट में संसोधन के बाद यह देश का तीसरा और प्रदेश का पहला मामला है।
दोषी सिद्ध होने के बाद भी दुष्कर्मी पिंटू पुत्र सोहनलाल के चेहरे पर बद्तमीजी की साफ झलक दिखी, फांसी की सजा होने के बाद भी उसके चेहरे पर जरा सा भी भय नहीं दिखा।
दोषी पिंटू की उम्र अभी 19 वर्ष है, फैसला आते ही उसकी बीवी की आंखों से आंसू आने लगे, फैसले के समय चिंटू के परिवार के सभी सदस्य मौजूद थे, पुलिस मुख्यालय में मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए जयपुर रेंज आईजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मात्र 27 दिन में अनुसंधान की कार्यवाही पूर्ण कर न्यायालय में चालान पेश किया और विशेष न्यायाधीश (अनुसूचित जाति-अनुसूचितजनजाति अत्याचार निवारण प्रकरण) जगेन्द्र अग्रवाल ने इस मामले में 12 पेशिया लगाते हुए 22 अदालती दिवसों में सुनवाई पूरी की।
जयपुर रेंज आईजी हेमन्त प्रियदर्शी ने बताया कि थाना लक्ष्मणगढ जिला अलवर में ग्राम हरसाना के पीडिता के पिता ने 9 मई 2018 को अपनी सात माह की बच्ची से दुष्कर्म होने की सूचना दी थी, बच्ची के पिता ने बताया कि बच्ची अपनी रिश्ते में दादी लगने वाली नेत्रहीन के पास सो रही थी, तभी बच्ची शाम को पिन्टु खिलाने के बहाने उठा कर ले गया।
जब आधे घण्टे बाद बच्ची को तलाशते हुए फुटबाल फील्ड पहुंचने पर बच्ची के रोने की आवाज आई और पिन्टू बच्ची को लहुलुहान अवस्था मे छोड कर भाग गया, पुलिस ने तत्काल धारा 363, 366ए, 376 आईपीसी 3/4 एवं पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर कार्यवाही प्रारम्भ की।