इस विमान को ग्रुप कैप्टन सी सुब्रमण्यम और ग्रुप कैप्टन वेणुगोपाल ने एचएएल हवाई अड्डा से करीब 10 से 15 मिनट उड़ाया। तीनों सेनाओं के सभी फ्लाइंग कैडेटों के लिए पहले स्तर का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए उपयोग किए जाने के मकसद से तैयार किए जाने वाले इस विमान एटीटी-40 विमान ने पहली उड़ान 31 मई को भरी थी। भारतीय वायु सेना ऐसे 70 एचटीटी-40 विमान खरीद सकती है।
उल्लेखनीय है कि एचटीटी-40 के विस्तृत डिजाइन चरण को अगस्त 2013 में पेश किया गया था और यह एचएएल के आंतरिक वित्तपोषण से हुआ था और मई 2015 में पूरा हुआ था। इसके बाद से पहले प्रोटोटाइप के उड़ान भरने के लिए 12 माह का समय लगा था। एचटीटी-40 परियोजना को संप्रग शासन के दौरान लगभग बंद कर दिया गया था। रक्षा मंत्री पर्रिकर ने आइएएफ और एचएएल को इस प्रशिक्षक का विकास सुनिश्चित करने की दिशा में आगे बढ़ाया।
एचटीटी-40 दल की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ” जब मैं यहां मार्च 2015 में आया था तब इन्होंने मुझे विश्वास दिलाकर कहा था कि एक वर्ष में वे विमान को उड़ा कर दिखाएंगे। मुझे प्रसन्नता है कि उन्होंने अपना वादा निभाया।” इस कार्यक्रम का मकसद इसे 2018 तक परिचालनात्मक मंजूरी दिलाना है। पर्रिकर ने कहा,”मैं आग्रह करुंगा कि इसे और पहले लाया जाए।”