शिखा पाण्डेय,
रात के तीन बजे भूलबक्श यानी माफी मांगने के लिए अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पहुँचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल फिर चर्चा में आ गए हैं। वैसे तो केजरीवाल धर्मग्रंथ के अपमान को लेकर उठे विवाद से पीछा छुड़ाने के लिए स्वर्ण मंदिर पहुंचे थे लेकिन वहां प्रायश्चित करने के लिए बर्तन साफ करने को लेकर नया विवाद खड़ा कर बैठे।
आपको बता दें कि केजरीवाल दिल्ली से साढ़े चार सौ किलोमीटर दूर पंजाब के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में एक विवाद के प्रायश्चित के रूप में सेवा देने पहुंचे थे। लेकिन एक विवाद से पीछा छुड़ाने के लिए केजरीवाल ने यहां दूसरा विवाद खड़ा कर दिया। दरअसल सेवा देने के लिए केजरीवाल ने जिन बर्तनों को साफ किया , वो पहले से ही साफ बर्तन थे। यानी साफ बर्तन को ही साफ करके केजरीवाल भूल की माफी के लिए अपनी सेवा दे रहे थे। केजरीवाल की इस सेवा ने एक नया विवाद तो खड़ा कर ही दिया है।
इससे पहले रविवार को केजरीवाल जब अमृतसर पहुंचे तो उन्हें कई जगह हिंदू संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ा। कहीं उनके खिलाफ नारे लगे तो कहीं लोगों ने काले झंडे दिखाए।
विरोध का कारण-
3 जुलाई के दिन अमृतसर में अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में पार्टी का चुनावी घोषणापत्र जारी हुआ था। आरोप है कि आप नेता आशीष खेतान ने घोषणापत्र की तुलना गीता, बाइबल, गुरु ग्रन्थ साहिब जैसे धार्मिक ग्रंथों से की थी।
इतना ही नहीं घोषणा पत्र पर स्वर्ण मंदिर के साथ झाड़ू की एक तस्वीर को लेकर भी सिख संगठनों ने धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया। अगले साल पंजाब में चुनाव होने हैं और इस विवाद में फंसने की वजह से केजरीवाल की परेशानी बढ़ सकती है, लिहाजा इसी विवाद को धोने के लिए वो आज सेवा देने हरमंदिर साहब पहुंचे थे। अब देखना दिलचस्प होगा कि साफ किए हुए बर्तनों की ‘सफाई’ में केजरीवाल क्या सफाई देते हैं।