अनुज हनुमत,
संसद का पिछला सत्र जिस प्रकार केंद्र सरकार और विपक्षी दलों की आपसी खींचातानी की भेंट चढ़ गया था ,अब उसके बाद सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले भी विशेषज्ञों का यही सोचना है कि कहीं वैसे ही हाल न हो! सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र में पार्टी क्या रुख अपनायेगी, इसी विषय पर माथापच्ची करने के उद्देश्य कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने शनिवार को पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी एवं उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर, जीएसटी विधेयक सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी रणनीति तैयार करने के लिए विचार मंथन किया।
सोनिया गांधी के आवास पर हुई है बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलामनबी आजाद, पार्टी के उप नेता आनंद शर्मा और लोकसभा में मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित विभिन्न नेताओं ने भाग लिया। इससे पहले सरकार ने शुक्रवार को कांग्रेस से सम्पर्क कर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को पारित करवाने में उसका सहयोग मांगा था, जो पिछले काफी समय से लंबित चल रहा है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस दोनों सदनों में अरूणाचल प्रदेश सरकार के बारे में उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले को लेकर सरकार एवं भाजपा को घेरने का प्रयास करेगी। इस फैसले के तहत उच्चतम न्यायालय ने 15 दिसंबर 2015 की कांग्रेस सरकार को बहाल किया है।
दरअसल समझा जा रहा है कि पार्टी नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर पार्टी के रुख के बारे में विचार-विमर्श किया। संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है और इसीलिए सरकार ने भी रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलायी है, जिसमें लंबित विधेयकों को पारित करने के लिए विपक्षी दलों से सहयोग मांगा जाएगा। सूत्रों की माने तो जीएसटी बिल पर कांग्रेस का साथ केंद्र को मिल सकता है और कहा जा रहा है वित्त मंत्री अरुण जेटली हर हाल में इस बिल को इस मानसून सत्र में पास कराना चाहते हैं। लेकिन इतना तो तय है कि सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने की कम ही गुंजाइश है।