अमित द्विवेदी,
अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल की संदिग्ध मौत हो गई है। कालिखो की लाश घर पर पंखे से लटकी मिली। इस खबर से सभी सन्न हैं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि कालिखो ने आत्महत्या की है। इस खबर की वजह से पूरा राजनीतिक खेमा दुखी है।
कालिखो पुल की मृत्यु के बाद सियासत भी शुरू हो गई है। इस मामले में अरुणाचल प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष तापर गोअव ने कहा कि हमें दुख है। पुल एक क़ाबिल और अच्छे नेता थे। आज के अरुणाचल के नेताओं की स्थिति के लिए दिल्ली के कांग्रेस नेता जिम्मेदार हैं। मैं कांग्रेस को ब्लेम करता हूं। कैसे हुआ, क्यूं हुआ ऐसा, ये तो धीरे धीरे पता चलेगा।
कालिखो ने कांग्रेस ने बगावत किया था और भाजपा की मदद से अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। कांग्रेस से जिन नेताओं ने कन्नी काटी थी, पुल उसके नेता थे। पुल लगभग 3 महीने तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे , जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के चलते उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी।
सियासी गलियारे में यह भी ख़बर है कि पुल मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद डिप्रेशन में थे। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि हो सकता है, इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली हो।
इस खबर के आने के बाद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी सकते में आ गए। उन्होंने ट्वीट किया, “युवा नेता कालिखो पुल की मौत की खबर से दुखी हूं, उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।”