राजेश सोनी | Navpravah.com
देश की रक्षा करते हुए शहीद सैनिकों के बच्चों की ट्यूशन और हॉस्टल फीस की सीमा 10,000 रुपए तक तय करने के बाद विवाद गहराता जा रहा है। इसके लिए रक्षामंत्री निर्मला सीताराम बुधवार को इस मुद्दे पर बैठक करेंगी। अहमदाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह एक भावुक मुद्दा है और मैं सेना के परिवारों का सम्मान करती हूँ, शायद इस फैसले से उनके परिवारवालों को बुरा लगा होगा।
बता दें कि सेना के एक वरिष्ठ अफसर ने कहा कि अगर सरकार और रक्षा मंत्रालय इस फ़ीस लिमिट की सीमा के फैसले को वापस नहीं लेती, तो सेना अपने शहीदों के परिवारों की जिम्मेदारी उठाएगी। सैन्य बलों और शहीदों के 3200 परिवार, इस फैसले को वापस लेने का इंतजार कर रहे हैं।
आगे उन्होंने कहा कि हमने कई बार रक्षा मंत्रालय और सरकार को चिट्ठी लिखकर इस फैसले को वापस लेने के लिए कहा, मगर सरकार ने इस फैसले पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है। हम शहीदों के परिवार और उनके बच्चों को संघर्ष करने के लिए नहीं छोड़ सकते हैं। सेना उनके परिवार और बच्चों के साथ हमेशा कंधे से कंधा मिलकर साथ चलेगी।
24 नवंबर को नेवी चीफ सुनील लाम्बा ने रक्षा मंत्री को चिट्ठी लिखी थी। लाम्बा ने अपने चिट्ठी में लिखा था कि हमारे शहीद जवान देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देते हैं, इसलिए उनके परिवार की जिम्मेदारी हमारे कंधों पर आती है। उन्होंने अपने चिट्ठी के द्वारा रक्षा मंत्री से विनती की कि आप इस मुद्दे को व्यक्तिगत तौरपर संज्ञान में लें।