अनुज हनुमत| Navpravah.com
देश की न्यायपालिका द्वारा धार्मिक मामलों में लगातार अहम फैसले दिए जा रहे हैं । आज एक और अहम फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी भी शादीशुदा व्यक्ति या महिला द्वारा दूसरी शादी के लिए धर्म परिवर्तन करना वैध नहीं माना जा सकता । कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे विवाह की कानून की नजर में कोई मान्यता नहीं है ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पहली शादी से तलाक हुए बिना दूसरी शादी करना भी गैरकानूनी है । ऐसा विवाह शून्य और अवैध माना जाएगा । फ़िलहाल कोर्ट ने यह फैसला जौनपुर की विवाहित महिला द्वारा दूसरे धर्म के पुरुष से विवाह करने के लिए धर्म परिवर्तन करने के मामले में सुनाया । कोर्ट ने महिला को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार करते हुए उसकी गिरफ्तारी पर रोक की मांग को भी खारिज कर दिया ।
आपको बता दें कि जौनपुर की खुशबू बेगम उर्फ़ खुशबू तिवारी और उसके कथित पति अशरफ की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने यह आदेश दिया । याचिका का विरोध कर रहे अधिवक्ता विनोद मिश्रा ने कहा कि दोनों के खिलाफ जौनपुर में एनसीआर दर्ज है. कोर्ट ने नूरजहां बेगम उर्फ़ अंजलि मिश्रा केस का हवाला देते हुए याचिका ख़ारिज करते हुए शादी को शून्य करार दे दिया. साथ गिरफ्तारी पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया । फिलहाल इस फैसले के आते ही धर्म बदलकर दूसरी शादी करने वालो की खैर नही होगी ।