अनुज हनुमत
बांदा (उ.प्र.)। कहते हैं कि विद्यालय ही एक ऐसा स्थान होता है, जहाँ शिक्षक द्वारा बच्चे को सर्वप्रथम सर्वधर्म समभाव का पाठ पढ़ाया जाता है, लेकिन अगर शिक्षा के ही मंदिर में शिक्षक खुद किसी विशेष धर्म का पाठ पढ़ाने लगे तो किसी भी भारतीय का सर शर्म से झुक जायेगा।
ऐसा ही एक मामला बुन्देलखण्ड के बांदा जिले से सामने आया है, जहाँ एक सरकारी विद्यालय में राष्ट्रगान पर पाबंदी लगाने का मामला सामने आया है। सूत्रों की मानें तो ये मामला हफ़्तों पहले ही स्थानीय प्रशासन के सामने आ गया था, लेकिन बावजूद इसके प्रशासन ने इसे मीडिया से छुपाने की हर मुमकिन कोशिश की। जैसे ही ये मामला मीडिया के हाथ लगा मानों प्रशासन भी जाग गया।
प्रशासन ने मामले की जाँच कराकर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका और एक शिक्षिका को निलम्बित कर दिया है। मामला बांदा जिले के बड़ोखर क्षेत्र के जौरही प्राथमिक विद्यालय का है, जहाँ अभिभावकों की शिकायत पर उप जिलाधिकारी ने स्वयं मामले की जाँच की और आरोप सही पाये जाने पर उन्होंने तत्काल प्रभाव से विद्यालय की प्रधानाध्यापिका शाजिया परवीन और शिक्षिका शैलेद्री को निलम्बित कर दिया।
अभिभावकों कहना है कि स्कूल की प्रधानाध्यापिका बच्चों से प्रार्थना के दौरान राष्ट्रगान के स्थान पर अल्ला-हू-अकबर कहने को कहती थी। वहीं अधिकांश स्कूली बच्चों ने बताया कि पिछले 15 दिनों से विद्यालय में राष्ट्रगान नही हुआ है। इस बात की पुष्टि विद्यालय की रसोइयों ने भी की है।