प्रमुख संवाददाता,
कैराना से पलायन के मामले पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर कहा, “भाजपा ने इस मुद्दे को सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए निकाला है। सच्चाई अब सामने आ रही है यह अच्छा है।”
मायावती ने इस विषय में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “कैराना के मुद्दे को तूल देना भाजपा की बहुत बड़ी साज़िश है। उनकी कोशिश है कि कई अहम मुद्दों से जनता का ध्यान भटक जाए।”
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कल इलाहाबाद में हुई रैली में कहा था,” पूरे देश को इस पर चिंता करनी चाहिए। उन्होंने इस घटना को आंख खोलने वाली घटना बताया था। भाजपा इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साध रही है।” पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कैराना की पूरी जांच के लिए एक सात सदस्यों की टीम बनाई है, जो वहां जाएगी और स्थिति की समीक्षा करेगी। रिपोर्ट आने के बाद पार्टी इस मुद्दों को लेकर आगे की रणनीति बनाएगी।
दूसरी और इस मुद्दे को उठाने वाले सांसद हुकुम सिंह अब स्वयं अपने बयान से पलट रहे हैं। उन्होंने पहले कहा था कि यह एक खास समुदाय के प्रभाव के कारण हो रहा है और एक खास समुदाय को ही निशाना बनाया जा रहा है। अब उन्होंने मीडिया में बयान दिया है कि इसमें कोई कम्युनल एंगल नहीं है। कैराना के लोगों के बाहर जाने का सबसे बड़ा कारण यहां फैली गुंडागर्दी और जुर्म है।
इस मामले पर उन्होंने समाजवादी पार्टी पर पलटवार करते हुए कहा कि सपा ही इसे कम्युनल एंगल दे रही है और मामले को राजनीतिक तौर पर भुनाना चाहती है। हुकुम सिंह ने यह भी साफ कर दिया कि वह अपनी दी हुई सूची के साथ हैं और अगर उसमें कोई गलती निकलती है तो उसके सुधार के लिए भी तैयार हैं लेकिन इस मामले पर राज्य सरकार को कुछ करना चाहिए।