अभिजीत मिश्र,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट में 19 नए मंत्रियों को शामिल करने के बाद सभी नए को आज दोपहर 2:30 बजे 7 रेस कोर्स रोड में चाय पर आमंत्रित किया। जानकारी के मुगाबिक, बैठक में आगामी चुनाव एवं अन्य विषयों पर चर्चा होगी।
प्रधान मंत्री ने अपने मंत्रिमंडल में कुछ दलित और ओबीसी नेताओं को भी सम्मिलित किया है। जोकि संभवतः अगले वर्ष उत्तर प्रदेश और गुजरात में आने वाले विधानसभा चुनाव में मददगार साबित हों। प्रकाश जावड़ेकर (पर्यावरण राज्य मंत्री) जो की अभी तक स्वतंत्र प्रभार के पद में उनका कद बढ़ा कर कैबिनेट मंत्री बना दिया गया है।
सभी नए मंत्रियों को कार्यभार संभालने के लिए आज शपथ दिलाई गई । लोगों का मानना है कि कैबिनट में ओबीसी और दलितों को शामिल करना भाजपा की दलितों को लुभाने की कोशिश है, जो आगामी चुनाव में बहुत महत्वपूर्ण है।
विजय गोयल और फग्गन सिंह कुलस्ते को छोड़कर सभी नए चेहरे हैं। वहीं, इनमें से कुछ मंत्री भाजपा शासित राज्य सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले सांसदों में अजय टम्टा, अजरुन राम मेघवाल, कृष्णा राज, रामदास अठावले, रमेश सी जिगाजिनागी शपथ लेने वाले दलित सांसदों में शामिल हैं।
मोदी सरकार में शामिल किए गए अन्य मंत्रियों में अनुप्रिया पटेल, एस एस अहलूवालिया, पी पी चौधरी, सी आर चौधरी, एम जे अकबर, जे भाभोर, पुरषोत्तम रूपाला, मनसुखभाई मंडाविया, एस आर भामरे, महेंद्र नाथ पांडेय, ए एम दवे और राजन गोहैन शामिल हैं।
सरकार के इस निर्णय से उद्दव ठाकरे नाराज़ है और उनका कहना है कि केंद्र ने मुझे कैबिनट में रखने का वादा किया था। मैं सरकार के सामने मंत्री पद के लिए झोली नहीं फैलाऊंगा।