महिला पुलिस अफसर की जाबाज़ी के आगे हाथ मलती रह गयी एटीएस-एसटीएफ

अनुज हनुमत | Navpravah.com

मंगलवार को अमेठी गैंगवार में अशफाक नामक युवक की हत्या के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी को अकेले ही अंजाम देने वाली यूपी पुलिस की महिला अफसर एकाएक सुर्खियों में आ गयी है। दरअसल, यह अफसर 25 हजार के इनामी को अमौसी एयरपोर्ट से अकेले उठा लायी। गिरफ्तारी से समर्थकों द्वारा कानून व्यवस्था के लिए नई मुसीबत खड़ी न हो जाए, इसकी आशंका से अपना सर्विस रिवॉल्वर लगाए यह अफसर इस हत्यारोपी को कार में लिए सारी रात राजधानी की सड़कों पर ही घूमती रही। हैरत यह है कि गैंगवार के मुख्य आरोपी की तलाश में 5 दिन से खाक छान रही यूपी एटीएस, एसटीएफ की टीमें दांत ही किटकिटाती रह गयी। 

बता दें कि 30 जनवरी को अशफाक की सरेराह गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गयी थी। इस दौरान अमेठी पुलिस ने एक शूटर को पकड़ लिया था। जिसने पूछताछ में राजेश विक्रम सिंह व उसके बड़े भाई पूर्व प्रमुख राकेश विक्रम सिंह समेत तीन लोगों के हत्या में शामिल होने का खुलासा तक किया। गैंगवार में हत्या से पुलिस मुख्यालय तक सकते में आ गया था। मामला सीधे सीधे दो अलग वर्गों से जुड़ा होने के दृष्टिगत इन सभी की गिरफ्तारी के लिए बाकायदा यूपी एटीएस, एसटीएफ, क्राइम ब्रांच, एसओजी समेत रेंज के कई थानों के तेज़तर्रार पुलिसकर्मियों की तमाम टीमों को लगाया गया था। गिरफ्तारी नही होने पर शुक्रवार को ही पुलिस अधीक्षक ने राजेश व राकेश के खिलाफ 25-25 हजार रुपए इनाम की घोषणा कर दी थी। अमेठी और आसपास के जिलों में इनके इश्तहार चस्पा करा दिए गए।

इधर, बेहद भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि आरोपियों को जेल भेजने के बढ़ते भारी दबाव के बीच 4 दिन गुजरने पर भी कोई कामयाबी मिलती न देख, जोन के सबसे बड़े अफसर ने सीओ तिलोई डॉ. बीनू सिंह को इनामी आरोपियों की गिरफ्तारी का टास्क दिया। सूत्रों की मानें, तो बीनू सिंह ने अफसरों को भरोसे में लेकर बिना अपने हमराह लिए कार से लखनऊ कूच कर दिया और पार्किंग में ड्राइवर को कार में ही छोड़ अमौसी एयरपोर्ट के बाहर गेट पर बैठी रहीं। 

एयरपोर्ट से बिना फोर्स अकेले दबोच लायी अमेठी गैंगवार का इनामी-

बताते हैं कि अचानक मुखबिर से संकेत मिलते ही बीनू ने बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में रिवॉल्वर लोड कर राजेश विक्रम को एयरपोर्ट के मुख्य द्वार पर ही दबोच लिया और कार में धक्का देकर अमेठी की ओर जाने लगीं। सूत्र यहां तक बताते हैं कि महिला अफसर ने बिना देरी किए जिले के अफसरों को कामयाबी की खबर सुना दी। लेकिन राजेश की गिरफ्तारी से इलाके में किसी तरह के तनाव की आशंका ने अफसरों के माथे के बल बढा दिए। बताया जाता है कि बीनू सिंह ने राजेश को कार में ही लॉक कर लिया और कई घँटे राजधानी लखनऊ की सड़कों पर घुमाते हुए अशफाक की हत्या से जुड़ीं महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर लीं।

इधर, दिन निकलते ही महिला अफसर राजेश को लेकर जिला मुख्यालय पहुँची। गिरफ्तारी से तनाव न बढ़े, एहतियातन राजेश की सुरक्षा बढा दी गई। जहां तहां आरोपियों को दबोचने के लिए जुटीं एटीएस, एसटीएफ टीमों ने भी राजेश से हत्या के सम्बंध में सिलसलेबार पूछताछ की। तब जाकर राजेश की गिरफ्तारी की स्क्रिप्ट लिखी जाने लगी। क्रेडिट लेने और देने की स्वभाविक होड़ ने भी कुलांचे भरीं। दोपहर बाद मेडिकल ओर और फिर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर उसे जेल भेज दिया गया।

इस बीच गिरफ्तारी की ख़बर पाकर कल ही हटाए गए एडीजी अभय कुमार भी पहुँच गए। पुलिस स्टाइल में महिला अफसर की यह कहते हुए पीठ थपथपाते सुने गए, भई हमें पता था हमारी ऑफिसर बीनू पकड़ कर लाएगी। वहीं, अधिकारियों ने सीओ तिलोई के इस अचीवमेंट को जमकर सराहा। कुल मिलाकर इतने बड़ी आपराधिक वारदात के एक आरोपी को जेल भेजे जाने के बाद आज पुलिस अफसरों को सुकून की नींद आना तय है।

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