एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
हरियाणा के सोनीपत शहर के एक निजी अस्पताल के क्रूर रवैये के वजह से कारगिल युद्ध के एक शहीद की पत्नी ने दम तोड़ दिया। शहीद का बेटा बीमार मां को अस्पताल लेकर पहुंचा और अस्पताल प्रबंधन के आगे मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन प्रबंधन आधार कार्ड जमा करवाने पर अड़ा रहा। बेटे ने आधार कार्ड की कॉपी मोबाइल में दिखायी, लेकिन इसके बाद भी प्रबंधन नहीं माना और इलाज के अभाव में शहीद की पत्नी ने दम तोड़ दिया।
महलाना गांव निवासी लक्ष्मण दास कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे। उनकी पत्नी शकुंतला कई दिनों से बीमार थीं। शकुंतला को इसके बाद यहां के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां अस्पताल ने उन्हें भर्ती करने तक से मना कर दिया और आधार कार्ड मांगने पर अड़ गया, महिला इस दौरान दर्द से तड़प रही थी।
पवन का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने उसकी मां का इलाज करने के बजाय उसे बाहर निकालने के लिए पुलिस बुला ली। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि युवक को हंगामा करता देख पुलिस बुलाई गई थी। पवन का आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने उनकी सुनने की बजाय, उन्हें धमकाना शुरू कर दिया।