पारुल पाण्डेय | Navpravah.com
वित्त मंत्रालय ने निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से सावधान किया है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान में बताया गया कि क्रिप्टोकरेंसी की कोई कानूनी मान्यता नहीं है और इस तरह की मुद्रा की कोई सुरक्षा नहीं है। ऐसे में बिटकॉइन जैसी कई वर्चुअल करेंसी (क्रिप्टोकरेंसी) में लोग तेज़ी से निवेश कर रहे हैं।
क्रिप्टोकरेंसी का वैश्विक स्तर पर निवेश होने के साथ-साथ भारत में भी इसका प्रचलन बढ़ा है। मंत्रालय का कहना है कि इस तरह की मुद्रा का कोई वास्तविक मूल्य नहीं है और ना ही इसके पीछे कोई संपत्ति है। मंत्रालय ने अपने अधिकारिक बयान में कहा कि बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की कीमत पूरी तरह अटकलों पर आधारित परिणाम है और इसलिए इसकी कीमतों में इतना उतार-चढ़ाव है।
बयान के मुताबिक इस तरह के निवेश में वैसा ही जोखिम है, जैसा कि पोंजी योजनाओं में होता है। जिससे निवेशकों को इसमें अचानक भारी नुकसान हो सकता है। इसका सबसे बड़ा झटका खुदरा ग्राहकों को लग सकता है. जो एक निश्चित आमदमी से अपना घर चलाते हैं।
बता दें कि मंत्रालय क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पहले कि अपना फरमान जारी कर दिया था, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी धारकों, उपयोक्ताओं और कारोबारियों को पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तीन बार इसके खतरों के प्रति आगाह किया जा चुका है। साथ ही केंद्रीय बैंक ने यह भी सूचित किया है कि इस तरह की मुद्रा के सौदों या संबंधित योजनाओं को चलाने के लिए उसने किसी को लाइसेंस या प्रमाणन नहीं दिया है।