सुंजवान आर्मी कैंप पर शनिवार सुबह हुए आतंकी हमले में शहीद हुए देश के एक वीर जवान की कहानी ने सभी का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। सुंजवान आतंकी हमले में अब तक कुल 6 लोगों की जान जा चुकी है। देश के लिए शहीद हुए उन पांच जवानों में एक जांबाज ऐसा भी था, जो निहत्थे ही खतरनाक हथियारों से लैस आतंकियों से लोहा लेने की भिड़ गया था। इस जांबाज ने अपने परिवार सहित कई लोगों की जान बचाई और शहीद हो गया।
सूत्रों के अनुसार, AK-47 राइफलें, ग्रेनेड और अन्य घातक हथियारों से पूरी तरह लैस होकर आर्मी कैंप में घुसे आतंकियों से जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के सूबेदार मदन लाल चौधरी निहत्थे ही भिड़ गए थे। सूबेदार मदन लाल चौधर के सीने और शरीर के अन्य हिस्सों को आतंकियों ने गोलियों से छलनी कर दिया था, लेकिन उन्होंने अपनी अंतिम सांस चलने तक आतंकियों को रोक कर रखा था।
सूबेदार की कोशिशों के बावजूद आतंकियों की गोली मदन लाल की बीस साल की बेटी नेहा के पैर में लग गई, जबकि उनकी साली परमजीत कौर को भी भागते वक्त मामूली चोटें आईं। शहीद मदन लाल अगर कुछ देर आतंकियों को रोके रखने में सफल नहीं होते, तो मरने वालों की संख्या ज्यादा हो सकती थी।