शिखा पांडेय,
तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की लोकप्रियता का अंदाज़ा लगा पाना मुश्किल है। उनकी लोकप्रियता आप इसी बात से भांप सकते हैं कि जयललिता द्वारा सोमवार की रात दम तोड़ने के बाद से लेकर अबतक कई लोग सदमें में अपनी जान दे चुके हैं। तमिलनाडु के सत्तारुढ दल अन्नाद्रमुक ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि जयललिता की बीमारी और उसके बाद निधन के दुख और सदमे से अभी तक 77 लोगों की मृत्यु हुई है।
अन्नाद्रमुक की ओर से बीती रात जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘अम्मा की बीमारी और मृत्यु के बारे में जानने के बाद दुख और सदमे से 77 लोगों की मृत्यु हुई है।” 5 दिसंबर को जयललिता की मृत्यु के बाद कथित रुप से आत्मदाह का प्रयास करने वाले पार्टी पदाधिकारी तथा अपनी अंगुलियां काट लेने वाले व्यक्ति को पार्टी ने 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त पार्टी ने बुधवार को प्रत्येक पीडित परिवार को तीन-तीन लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
उधर केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने अभी तक 30 लोगों के मरने और चार लोगों द्वारा आत्महत्या का प्रयास करने की बात कही है। अन्नाद्रमुक ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि उनकी बीमारी का मतलब 22 सितंबर को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराए जाने से था या चार दिसंबर को दिल का दौरा पडने से।