Amit Dwivedi@Navpravah.com
साहित्य अकादमी द्वारा प्रदान किए गए सम्मान को लौटाने का सिलसिला तो जारी ही है, साथ ही लौटाने वाले साहित्यकारों के समर्थकों की भीड़ भी बढती ही जा रही है। इसमें एक नया नाम जुड़ गया है, मशहूर अदाकारा शर्मिला टैगोर का। शर्मिला ने देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ साहित्य अकादमी लौटाने वाले लेखकों का खुलकर समर्थन करते हुए इसे लेखकों का साहसिक कदम बताया।
अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने सीआईआई बिग पिक्चर समिट 2015 में अपने वक्तव्य में यह बात कही। शर्मिला ने कहा कि यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है।
वर्तमान स्थिति के बारे में शर्मिला ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि लेखकों का विरोध प्रदर्शन असहिष्णुता के खिलाफ अल्टिमेटम है।
दादरी मामले पर उन्होंने कहा कि दादरी में जो हुआ वह खौफनाक था। ऐसी घटनाओ की निंदा करने भर से कुछ नहीं होगा। इस मामले में दोषी को सज़ा मिलना आवश्यक है। अगर सज़ा न मिली तो देश में गलत सन्देश का प्रसार होगा जोकि बिलकुल गलत है। उन्होंने कहा कि अगर हम खामोश रह जाएंगे तो ऐसा करने वालों का साहस बढ़ता जाएगा।
शर्मिला टैगोर ने कहा कि बॉलीवुड अनेकता में एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस तरह के विरोध से देश की इमेज सुधारने का मौका मिलेगा।