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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोष में सजा काट रही नलिनी को पिता के अंतिम संस्कार के लिए एक दिन की पेरोल पर छोड़ा गया है. 10 पुलिसकर्मियों के साथ नलिनी बुधवार सुबह वेल्लोर जेल से चेन्नई के लिए रवाना हुई.
न्यायालय ने नलिनी को कोट्टुपुरम में उसके पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने की इजाज़त दी है. कोर्ट ने सुबह 8 बजे से रात के 8 बजे तक की मोहलत दी है. कोर्ट ने नलिनी को कोत्तुरपुरम में होने वाले अंतिम संस्कार में जाने की इजाजत दी है. यह छूट बुधवार सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक के लिए दी गई है.
लिट्टे प्रमुख प्रभाकरन के इशारे पर हुई हत्या में नलिनी सहित दर्ज़नों लोग शामिल थे. इस मामले में 24 मई 1991 को सीबीआई की स्पेशल टीम ने केस दर्ज किया.
सीबीआई ने जांच के बाद कुल 26 लोगों को कानून के कटघरे में लिया था. जिसके बाद नलिनी मुरुगन, संथन और पेरारिवलन समेत 26 लोगों पर मुकदमा चला. निचली अदालत ने इन सभी को फांसी की सजा सुनाई. जबकि साल 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने नलिनी, संथन और पेरारिवलन की सजा बरकरार रखी.