ब्यूरो
राजनीति का धर्मनिरपेक्ष होना न्यायसंगत है लेकिन आजकल इसी राजनीति ने ही दुनिया को धर्म-मज़हब-कौम-जाति का मतलब खुलकर समझाया है और लोगों को बांटने का काम राजनेता करते आये हैं। रायपुर के प्रोफेसर मोहम्मद फैज़ खान ऐसे शख्स हैं जो साम्प्रदायिक सोच के मुह पर करारा तमाचा हैं।
फैज़ खान 30 दिन रोज़ा रखते हैं, नमाज़ भी पढ़ते हैं और राम नाम गुण गान भी तहे दिल से करते हैं। देश भर में मानवीयता का पर्याय बन चुके फैज़ गोकथा वाचक हैं। हाल ही में इनका एक नया वीडियो सामने आया है।
इस वीडियो में फैज़ खान ने ओवैसी और उसके समर्थकों को जमकर लताड़ा है। फैज़ खान कहते हैं, “तुम राजनेताओं की जय कह सकते हो, लेकिन भारत माता की जय नहीं कह सकते। तुम ओवैसी बंधुओं की जैकार कर सकते हो लेकिन भारत माता की जय कहना तुम्हारे लिए हराम है। भारत माता को फूल चढाना तुम लोगों के लिए हराम है तो किसी नेता की जयजयकार करना और फूल माला चढ़ाना भी हराम होना चाहिए।
देश में सौहार्द्र और एकता, अखंडता की मिसाल मोहम्मद फैज़ खान निर्भीक और प्रबल व्यक्तित्व के धनी हैं। इन्होने गोकथा वाचन के लिए प्रोफेसर की नौकरी तक त्याग दी।