दर्शकों को खूब भा रही हैं रियल स्टोरी बेस्ड फिल्में

एंटरटेनमेंट डेस्क
एयरलिफ्ट, नीरजा, अलीगढ की अप्रत्याशित सफलता ने बॉलीवुड में रियल सिनेमा की लहर चला दी है। अक्षय कुमार और मनोज बजपेयी जैसे स्टार ऑडियंस में रियलिस्टिक सिनेमा की पैठ को भांप चुके हैं। इससे गंभीर भूमिकाओं के लिए विख्यात अभिनेताओं की फिल्मों को बूस्ट मिला है।
रियल सिनेमा में फिलहाल मनोज बाजपेयी, इरफान खान और रणदीप हुडा का अपना एक अलग मुकाम हैं। इनमें मनोज बाजपेयी ने रियलिटी को पर्दे पर उतारने में काफी सफलता पाई है।
मनोज की नई फिल्म ट्रैफिक 6 मई को रिलीज़ हो रही है। यह रियलिस्टिक सिनेमा के मामले में माइलस्टोन प्रयोग साबित हो सकती है। अखबारों में सुर्खियां पाने वाले एक हार्ट ट्रांसप्लांट केस को इस फिल्म में दिखाया गया है। कहानी एक 13 साल की बच्ची की है, जिसे हार्ट ट्रांसप्लांट की जरुरत है। वह ज़िंदगी से जूझ रही है और उसके लिए जिस दिल का इंतज़ाम किया गया है, वो 150 किलोमीटर की दूरी पर है।
मुंबई से पुणे के बीच की इस दूरी को किन सांस रोक देने वाली परिस्थितियों में पूरा किया गया यही इस फिल्म का मुख्य विषय है। ट्रैफिक को हर मामले में एक प्रयोगवादी फिल्म माना जा रहा है। फिल्म से जुड़े लोग बताते हैं कि इसमें इमोशन और फिल्म को साथ-साथ रखा गया है। फिल्म कहीं से भी अतिरंजित नहीं दिखती जो अक्सर फिल्म को डार्क बना देती है।
फिल्म को घटना के मुताबिक हूबहू कहानी के रूप में ढाला गया है। मनोज बाजपेयी के अलावा फिल्म में जिमी शेरगिल, सचिन खेड़ेकर और दिव्या दत्ता के अहम किरदार हैं। फिल्म के प्रमोशन के लिए एक अनूठी स्ट्रेटेजी अपनाई गई है। जिसमें ट्रैफिक सिग्नल्स पर फिल्म के ट्रेलर को दिखाया जाएगा। मनोज को अलीगढ़ के लिए काफी सराहनाएं मिली हैं और दादा साहब फाल्के अवार्ड भी।
साल 2016 इस तरह की फिल्मों के लिए जाना जाएगा। यानी हम साल की शुरूआत, अंत के अलावा इसके मध्यभाग में भी रियलिस्टिक सिनेमा के एक नए जॉनर से रूबरू होंगे। ट्रेड पंडित बताते हैं कि दर्शकों का टेस्ट पिछले कुछ सालों में सच्ची घटनाओं की ओर बढ़ा है। बायोपिक फिल्मों के बाद रियल सिनेमा को दर्शक मिलने लगे। अब रियल स्टोरी को पर्दे पर उतारने का ट्रेंड चल पड़ा है।
अक्षय की एयरलिफ्ट की इसमें अहम भूमिका है। इस फिल्म ने 100 करोड़ से अधिक का कारोबार कर साबित कर दिया कि दर्शकों को परी कथाओं से ज्यादा रियलिटी में दिलचस्पी है। कम बजट में होने की वजह से निर्माता ऐसी फिल्मों को रिस्क नहीं मान रहे हैं। ये रियलिटी फिल्में अपना बाज़ार खड़ी कर रही हैं जिसके लिए 2016 को याद रखा जाएगा।
मनोज बाजपेयी कहते हैं कि “इस साल रियल लाइफ बेस्ड कई अच्छी फिल्में रिलीज हुई हैं। इनमें से ट्रैफिक भी एक है। ऐसा लगने लगा है मानो साल 2016 रियल स्टोरी बेस्ड सिनेमा का साल है ”

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