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जमाखोरों के ठिकानों पर छापेमारी के बाद पिछले कुछ दिनों में दाल की कीमतों में लगभग २० रूपए की गिरावट आई है। केंद्र सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि जमाखोरों की वजह से दाल के दाम तेज़ी से बढ़ गए थे, जिसे नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की जा रही है। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि खरीफ की फसल के बाद कीमतों में और भी कमी आएगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने त्योहारों से पहले आवश्यक खाद्य पदार्थों की कीमतों की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय अधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी। जिसमें उन्होंने कीमतों के बढ़ने की वजह और इससे निपटने के तरीकों पर चर्चा की। खाद्य पदार्थों की कीमतों को नियंत्रित रखा जा सके इसके लिए बफर स्टॉक बढ़ाने का आदेश दिया। उन्होंने दलहनों की खरीद पर भी ज़ोर दिया, जिससे बढ़ती कीमतों की समस्याओं को समाप्त किया जा सके।
सरकार द्वारा जारी एक बयान में स्पष्ट किया गया है कि देशभर में दालों की कीमतों में लगभग 20 रुपये प्रति किलो की गिरावट आई है। संभावना जताई जा रही है कि उड़द दाल की जारी बाजार में आवक तथा दिसंबर के आरंभ में अरहर दाल की नई फसल के आने के बाद कीमतों में और गिरावट आएगी। विभिन्न राज्यों से जब्त किये गए 1.3 लाख टन दाल के बाजार में आने के बाद आपूर्ति की स्थिति में और सुधार होने की संभावना है।