प्रमुख संवाददाता,
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक बार फिर भाजपा की केंद्र सरकार पर व्यंग बाण चलाया है। ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा है कि अपने चुनावी वायदे के अनुसार आखिर सरकार ने दो साल के कार्यकाल में कितने देशवासियों के बैंक खातों में 15 लाख रुपये जमा करवाए हैं? मुखपत्र के संपादकीय में पूछा गया है कि चुनाव से पहले भाजपा द्वारा कालेधन की वापसी का जो वादा किया गया था,उसका क्या हुआ? दो साल में आखिर कितने देशवासियों के बैंक खाते में 15 लाख रुपए जमा करवाए हैं केंद्र सरकार ने? प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने लेख का शीर्षक ‘चाय से ज्यादा केतली गरम- मन की बात!’ दिया है। लेख में तंज कसते हुए कहा गया है कि , ‘देश बदल रहा है, लेकिन हमें मुफ्त चाय नहीं चाहिए। चुनाव से पहले जो आपने वादा किया था उसके अनुसार हमारे बैंक खाते में 15 लाख रुपये कब जमा करते हो, पहले बताओ? ऐसा कोई व्यक्ति चाय की चुस्की मारते हुए पूछे तो उसका जवाब क्या होगा? उसे मारें, जलाएं या पकड़ें, ऐसा सवाल कुछ लोगों के मन में स्वभाविक तौर पर उठ सकता है।’ आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कालेधन को लेकर अपनी राय लोगों के सामने रखी थी और अघोषित संपत्ति का खुलासा 30 सितंबर से पहले करने को कहा था,जिसपर शिवसेना द्वारा निशाना साधा जा रहा है। ‘सामना’ में ऐसा सवाल पूछने वालों के लिए जवाब का उल्लेख भी है जिसके अनुसार – ‘बाबा रे, प्रधानमंत्री मोदी 50 साल की गंदगी साफ करने में लगे हैं। उनके हाथ में छड़ी जरूर है, लेकिन वह जादू की छड़ी मालूल नहीं होती। इसलिए सिर्फ दो साल में सब कुछ बदल जाएगा, ऐसी उम्मीद पालने की गलती मत करो। प्रधानमंत्री को कुछ और समय दो।’ शिवसेना ने सामना में लिखा है कि कालाधन ढूंढने के लिए स्विट्जरलैंड या मॉरिशस जाने की आवश्यकता नहीं है। कालाधन उद्योगपति, फिल्मवाले और आतंकवादी संगठनों के साथ राजनीति में भी प्रचुर मात्रा में मिलता है। कालाधन हमारे खुद के घर में है, उसे खोदकर निकालें तो भी मोदी जी का मिशन काला धन सफल हो जाएगा। लेख में आगे लिखा गया है कि मोदी के ‘मन की बात’ कड़क चाय के समान है, लेकिन मुंबई में कालेधन पर लोग ‘मन की बात’ सुनें इसलिए कई स्थानों पर मुफ्त में ‘चाय-पानी’ की व्यवस्था करवाई गई।