अचानक सब भूल जाते हैं आप? तो आपको हो सकता है ब्रेनफॉग

Beaware from brain fog

पारुल पाण्डेय | Navpravah.com

सही खानपान न होने औए गलत लाइफस्टाइल का सीधा प्रभाव हमारे शारीर पर पड़ता है, जिससे हम में चिढ़न बढ़ जाती है और दिमाग थका होने के कारण विचलित हो जाता है। ऐसे में आपको कई चीजें याद नहीं आती हैं। यह भूलने की बीमारी आपकी  प्रोफेशनल लाइफ के साथ आपके निजी जीवन पर भी बुरा प्रभाव डाल सकती है। 

उदाहरण के तौर पर यदि कोई चीज़ एकदम आपके सामने रखी है, लेकिन आप उसे पूरे घर में खोज रहे हैं या फिर कॉलेज के दोस्तों के नाम याद करने में परेशानी होती है। यदि आप भी ऐसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो ′ब्रेन फॉग′ के शिकार हो सकते हैं। ब्रेन फॉग यानि एक ऐसी बीमारी, जिसमें कुछ क्षणों के लिए याददाश्त पर कोहरे की तरह एक धुंध सी छा जाती है और कुछ याद नहीं आता। 

इस मामले में बॉम्बे हॉस्पिटल के न्यूरोलोजिस्ट निर्मल सूर्या बताते हैं कि ब्रेन फॉग को ब्रेन फटीग भी कहा जाता है। यह कोई बिमारी नहीं है, एक स्थिति है। जैसे कई बार हमें हमारा दिमाग थका हुआ महसूस होता है, अचानक सर दर्द होने लगता है। कई बार चक्कर भी आता है, ऐसे में दिमाग के एक हिस्से पर कोहरे की एक परत चढ़ जाती है, जिससे कुछ मिनट के लिए  हमारा दिमाग अटक जाता है। उस वक्त हम कोई भी कार्य रूचि से नहीं कर पाते। 

यह स्थिति कई बार मधुमेह रोगियों को भी परेशान करती है, जब उनके अंदर सुगर लेवल कम हो जाता है। इतना ही नहीं, ब्रेनफॉग हाई और लो ब्लड प्रेशर के मरीजों को भी अपना शिकार बनाता है। वहीं अस्थमा के मरीजों में भी ब्रेन फटीग के लक्षण देखे गए हैं। यह परेशानी अब आम हो गई है। लोगों में ज्यादा स्ट्रेस लेने की शिकायत अब बढ़ती जा रही है और लाइफस्टाइल बिजी होने के चलते लोग पूरी नींद नहीं ले पाते। कई बार न्यूट्रीशन की कमी से भी ब्रेन फॉग की शिकायत होती है। महिलाओं में अक्सर हार्मोन्स के बिगड़ने से मेनापोज़ के दौरान ये शिकायत बढ़ती है। ब्रेन फॉग ज्यादा ठंडी अथवा ज्यादा गर्मी वाले मौसम में भी लोगों को अटैक करता है, इसलिए लोगों को अपनी जीवनशैली में सही बदलाव करना बहुत जरूरी है।

डॉक्टर सूर्या ने बताया कि सही समय पर अपनी दिनचर्या शुरू करना और सही खान पान से लोग इस परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं।  अपने दिनचर्या में एक्‍सरसाइज को शामिल कर अपने स्ट्रेस को कम करें, भरपूर नींद लें, न्यूट्रीशन से भरपूर भोजन करें और सही डायट फौलो करें, स्मोकिंग और शराब पीने की आदत को कम करें, फिर देखें दिमाग कैसे दौड़ने लगता है।

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