आजकल खाने का तरीका बदल गया है, उसमें पोषक तत्वों की कमी होती है, जैसे हमारे खाने में विटामिन्स, आयरन, आयोडिन और भी कई तरह के मिनरल्स कम होते हैं, इसलिए हमें फोर्टिफाइड खाने की आवश्यकता होती है, लेकिन ये फोर्टिफाइड खाना भी हमारी सेहत के लिए कई बार नुकसान कर जाता है।
WHO का भी कहना है कि ज्यादा विटामिन्स स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, ऐसे में सवाल ये उठता है कि FSSAI किस आधार पर खाद्य पदार्थों का फोर्टिफिकेशन करती है, फोर्टिफिक्शन की कोई मातरा है या नहीं ! क्या कोई गाइडलाइंस है या खाने की चीजों के ऊपर ये लिखा होता है कि उसमें किस मात्रा में फोर्टिफिकेशन किया गया है।
FSSAI के अनुसार, भारत में 70 फीसदी लोग विटामिन और बाकी कई तरह के मिनरल्स से दूर रहते हैं, इसलिए उनमें कई तरह की बीमारियां देखने को मिलती है, आजकल के खाने में हमें वो पोषक तत्व नहीं मिलते हैं जिसकी हमारे शरीर को जरूरत है. बच्चे मैलन्यूट्रिशन का शिकार होते हैं।
मैक्स हेल्थकेयर के न्यूट्रिशिनिस्ट ने बताया कि, वैसे ही हम आजकल विटामिन्स और आयरन कई रूप में लेते हैं, कभी सप्लीमेंट्स तो कभी खाने की चीजों में, लेकिन एक्सेस विटामिन्स या सिंथेटिक विटामिन्स हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक बन सकते हैं।