पारुल पांडेय । Navpravah.com
टीबी के मरीजों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने और इस बीमारी को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए केंद्र सरकार कई योजनाए बना रही है। इसी कड़ी में अब 22 जनवरी को स्वास्थ्य विभाग और देश के सभी प्राइवेट केमिस्ट संगठनों की बैठक आयोजित की गई है। इस बैठक में प्राइवेट केमिस्ट टीबी के मरीजों को मुफ्त दवाएं दें, इसपर निर्णय लिया जाएगा।
यह निर्णय होने से अब सरकारी डॉट्स सेंटर्स के अनुसार प्राइवेट केमिस्ट्स में भी मरीजों को मुफ्त दवाएं मिलेंगी। केंद्र सरकार देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए कई कोशिशें कर रही है, जिसके लिए कई योजनाए तैयार की जा रही हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखते हुए टीबी मुहिम पर पुरजोर काम करने की सूचना दी थी।
इसी कड़ी में अब केंद्र सरकार अपना एक कदम आगे बढ़ा रही है। अब प्राइवेट दवा विक्रेताओं से टीबी की मुफ्त दवाएं लोगों को मिल सकती हैं। आनेवाली 22 जनवरी को स्वास्थ्य विभाग और देशभर के सभी केमिस्ट संगठनों की बैठक आयोजित की गई है। इस बैठक में टीबी के मरीजों को मुफ्त दवाएं लेने पर फैसला लिया जाएगा।
इस मामले में नवप्रवाह डॉट कॉम से बात करते हुए इंडियन फार्मास्युटिकल असोसिएशन के कोषाध्यक्ष संतोष घोडींडे ने बताया कि “टीबी के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सभी को एकसाथ मिलकर काम करना चाहिए। फार्मासिस्ट और प्राइवेट डाक्टरों को ‘डॉट्स प्रोवाइडर’ के तौर पर काम करने का मौका मिलने से मरीजों को इसका बहुत लाभ मिलेगा। घर के नज़दीक काउंसलिंग और दवाएं मिलने से मरीजों की समस्याएं खत्म होंगी।
इन बीमारी में लोगों को कैसे अपनी दवाइयां लेनी है और कैसे सावधानी बरतें, कैसा डायट अपनाए जैसे कई सवालों पर ट्रेनिंग दवाई विक्रेताओं को दी जा रही है। यह ट्रेनिंग मुंबई सहित नई मुंबई, भिवंडी, चेंबूर, गोवंडी, पनवेल, महाड़ और महाराष्ट्र के कई जिलों में दी जा रही है। इतना ही नहीं मरीजों को ट्रैक करने के लिए सरकारी डॉट्स केंद्रों से आनेवाली दवा के बॉक्स पर मरीज का नाम और नंबर और पता लिख लिया जाता है। जिससे कोर्स रुक न पाए और मरीज तक सही समय पर दवा पहुँच पाए।
सरकार की इस योजना के बारे में टीबी विभाग के उपमहानिर्देशक डॉ. सुनील खपरडे ने बताया कि टीबी के मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा दवाई उत्पादक कंपनियों और दवाई विक्रेताओं से चर्चा चल रही है। सभी केमिस्टों को मुफ्त दवाइयां दी जाए या नहीं, इसपर अबतक कोई निर्णय हुआ नहीं है, विचार चल रहा है, लेकिन शुरुआती चरण में हम 2 से 3 राज्यों में यह योजना शुरू करेंगे।