एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
बवासीर तरीके की होती है अंदरुनी और बाहरी, अंदर की पाइल्स में मस्से दिखाई नहीं देते पर बाहरी में मस्से गुदा से बाहर की और निकले होते है। इस रोग में जब मल त्यागते वक़्त खून निकलता है तो उसे खूनी बवासीर कहते है।
बाहरी बवासीर होने पर मस्से सूज कर मोटे हो जाते है जिससे इसमें दर्द, जलन और खुजली भी होने लगती है। बवासीर के मस्सों से परेशान व्यक्ति न तो ठीक से कुछ खा पी सकता है और न ही ठीक से बैठ पाता है।
बाहरी मस्सों का इलाज डॉक्टर और आयुर्वेदिक चिकित्सक ऑपरेशन या दवा से कर देते है क्योंकि ये गुदा में बहार की तरफ निकले होते है पर भीतरी मस्सों का उपचार करना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि ये मस्से गुड्डा के अंदर की तरफ होते है।
बवासीर का घरेलू उपाय –
1. खुनी बवासीर होने पर दही या लस्सी के साथ कच्चा प्याज खाने से फायदा मिलता है।
2. कैसी भी बवासीर हो कच्ची मूली खाने या इसका रस पीना चाहिए। एक बार में मूली का रस 25 से 50 ग्राम तक ही ले।
3. आम और जामुन की गुठली के अंदर वाले हिस्से को सुख कर पीस ले और इसका चूर्ण बना ले। रोजाना 1 चम्मच चूर्ण पानी या लस्सी के साथ लेने से खुनी बवासीर में आराम मिलता है।
4. शरीर में कब्ज़ रहती हो और पेट ठीक से साफ़ न होता हो तो इसबगोल की भूसी का प्रयोग करे।
5. 50 से 60 ग्राम बड़ी इलायची तवे पर भून ले और ठंडी होने के बाद इसे पीस कर चूर्ण बना ले। रोजाना सुबह खाली पेट इस चूर्ण को पानी के साथ लेने से पाइल्स ठीक होती है।
6. 100 ग्राम किशमिश रात को सोने से पहले पानी में भिगो कर रखे और सुबह इसी पानी में किशमिश को मसलकर इस पानी का सेवन करे। कुछ दिन निरंतर इस उपाय को करने से बवासीर ठीक होने लगती है।
बवासीर में क्या खाये –
करेले का रस, लस्सी, पानी।
दलिया, दही चावल, मूंग दाल की खिचड़ी, देशी घी।
खाना खाने के बाद अमरुद खाना भी फायदेमंद है।
फलों में केला, कच्चा नारियल, आंवला, अंजीर, अनार, पपीता खाये।
सब्जियों में पालक, गाजर, चुकंदर, टमाटर।
बवासीर में परहेज क्या करे –
तेज मिर्च मसालेदार चटपटे खाने से परहेज करे।
मांस मछली, उडद की दाल, बासी खाना, खटाई ना खाएं।
डिब्बा बंद भोजन, आलू, बैंगन।
शराब, तम्बाकू।