एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
मोबाइल नंबर से लिंक कराने के लिए आधार की अनिवार्यता जल्द ही खत्म हो जाएगी। क्योंकि टेलीकॉम कंपनियां अब आधार की जगह नई आईडी का इस्तेमाल करेंगी।
सरकार ने टेलिकॉम ऑपरेटरों को निर्देश दिया है कि वे अपने सिस्टम और नेटवर्क में बदलाव कर आधार नंबर की जगह पर वर्चुअल आईडी के उपयोग की सुविधा दें और मोबाइल सब्सक्राइबर्स के लिए ‘लिमिटेड केवाईसी’ मैकेनिज्म को अपनाएं।
वर्चुअल आईडी किसी व्यक्ति के आधार नंबर पर मैप की गई 16 अंकों की एक संख्या होगी, इसे अगले महीने से पूरी तरह लागू किया जाना है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक वर्चुअल आईडी के आने से आधार डेटा की प्राइवेस और सिक्योरिटी और मजबूत होगी।
दूरसंचार विभाग ने इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, नोटिफिकेशन में कहा गया है कि आधार नंबर के विक्लप के रूप में वर्चुअल आईडी, UID टोकन और केवाईसी कॉन्सेप्ट के बारे में UIDAI ने जो बदलाव किए हैं। कंपनियों के सभी सब्सक्राइबर को इसकी जानकारी देनी होगी, हालांकि, नए मोबाइल कनेक्शन जारी करने और मौजूदा मोबाइल सब्सक्राइबर्स के री-वेरिफिकेशन में आधार बेस्ड ई-केवाईसी प्रोसेस की मौजूदा व्यवस्था का पालन किया जाएगा।
दूरसंचार विभाग ने कहा है कि कंपनियों की तरफ से ग्राहकों को आधार नंबर या वर्चुअल आईडी के इस्तेमाल का विकल्प देना चाहिए, लेकिन ऑपरेटर्स को यह नंबर ‘मास्क्ड फॉर्म’ में डिसप्ले करना होगा, कंपनियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके डाटाबेस में यह नंबर स्टोर न हो।
DoT के मुताबिक, ऑपरेटर्स को नए सब्सक्राइबर या री-वेरिफिकेशन के लिए मौजूदा ई-केवाईसी का ही पालन करना होगा, सब्सक्राइबर्स का ऑथेंटिकेशन होने के बाद UID टोकन के जरिए उसकी प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी।