स्टार कास्ट: जाह्नवी कपूर, ईशान खट्टर, आशुतोष राणा
डायरेक्टर: शशांक खेतान
रेटिंग: 2.5 *
नागराज मंजुले के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘सैराट’ 2016 में रिलीज हुई थी। यह फिल्म मराठी भाषा में थी और जबर्दस्त हिट साबित हुई थी। इस फिल्म को मराठी फिल्म इंडस्ट्री का टर्निंग पॉइंट भी कहा जाता है। अब करण जौहर के बैनर तले बनी फिल्म ‘धड़क’ दर्शकों के सामने रिलीज होने के लिए पूरी तरह से तैयार है। कुछ ही घंटों बाद देशभर के सिनेमाघरों में ‘धड़क’ का पहला शो चालू हो जाएगा। इस फिल्म को लेकर दर्शकों के बीच उत्सुकता हैं। तो चलिए जानते हैं कि दर्शकों के दिलों को धड़काने में जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर की ‘धड़क’ कितनी कामयाब हो पायी है ?
कहानी-
फिल्म की कहानी उदयपुर से शुरू होती है, जहां के रहने वाले रतन सिंह (आशुतोष राणा) बहुत ही दबंग इंसान हैं और उनकी बेटी पार्थवी सिंह (जान्हवी कपूर) हैं। उदयपुर में ही एक रेस्टोरेंट चलाने वाले परिवार का लड़का मधुकर बागला (ईशान खट्टर) है, जो टूरिस्ट गाइड का भी काम करता है। मधुकर और पार्थवी की आंखे मिलती हैं और प्यार हो जाता है। लेकिन जैसे ही इस बारे में घरवालों को भनक लगती है, वो मधुकर की पिटाई करने लगते हैं। प्यार को बचाने के लिए पार्थवी हर हथकंडे अपनाती है और फिर दोनों भाग जाते हैं। अपनी खास ज़िंदगी छोड़कर इस आम ज़िंदगी को चुनने वाली पार्थवी क्या मधुकर के साथ प्यार निभा पाती है? फिल्म में बहुत से ट्विस्ट और टर्न हैं।
एक्टिंग-
ये फिल्म एक्टिंग के मामले में ठीक ठाक है। जाह्नवी को इस फिल्म में ऐसा किरदार मिला है कि अपने सारे शेड्स दिखा सकती थीं। नैना चार करने से लेकर प्यार, तकरार, बागीपन तक… हर रंग दिखाने का मौका था। जाह्नवी के पास लेकिन वो कहीं भी उसे अपनी एक्टिंग में उतार नहीं पाई हैं। जाह्नवी कपूर को अपनी भाषा में राजस्थानी टच में बिल्कुल भी फिट नहीं बैठती हैं। डायलॉग बोलते समय उनका एक्सेंट भी फेक लगता है। जाह्नवी कॉन्फिडेंट नहीं दिखतीं। ईशान खट्टर अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है। आशुतोष राणा और फिल्म में ईशान खट्टर के दोस्त के रुप में कलाकारों ने बढ़िया काम किया है। इसके अलावा फिल्म में बंगाली किरदार में जिन एक्टर्स को रखा गया है वो अपनी तरफ ध्यान जरुर खींचते हैं।
डायरेक्शन-
फिल्म का डायरेक्शन काफी कमाल का है और जिस तरह से शशांक खेतान ने उदयपुर और कोलकाता को कैमरे में कैद किया है उसकी प्रशंसा लाजमी है। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर कहानी के साथ साथ चलता है। बात करे स्क्रीन प्ले या फिर डायरेक्शन की तो इस मामले में शशांक निराश नहीं करते हैं।
म्यूजिक-
‘धड़क’ को म्यूजिक दिया है अतुल और अजय ने। सैराट में भी इन्हीं दोनों का म्यूजिक था, जो हिट हुआ था। मराठी गाने के बोल भी अजय और अतुल ने ही लिखे थे, लेकिन हिंदी में इसके बोल अमिताभ भट्टाचार्य ने लिखे हैं। फिल्म का टाइटल ट्रैक जबरदस्त है, लेकिन जिन लोगों ने याड लागला और झिंगाट को मराठी में सुना है, शायद फिल्मांकन के दौरान उन्हें यह हिंदी में पसंद ना आए।
क्यों देखें-
फिल्म की कहानी का आगाज मराठी फिल्म सैराट के जैसे ही है, लेकिन अंजाम अलग है। फिल्म में शशांक खेतान का फ्लेवर है। क्लाइमैक्स में थोड़ा बदलाव किया गया है, जो शानदार है। बाकि अगर आप ईशान खट्टर और जान्हवी के फैन है तो फिल्म देखने जा सकते है।