क्राइम डेस्क। अधिकतर अब यह खबरे ज्यादा देखने को मिल रही हैं कि OTP पूछकर भी नहीं लेकिन हमेशा जालसाज आपके अकाउंट से पैसा निकाल ही लेते हैं। वहीँ आप पुलिस में मामला भी दर्ज कराते हैं , लेकिन उस जालसाज को पकड़ नही पाते हैं।
इंदिरानगर सेक्टर-8 निवासी रवि कुमार ने साइबर सेल में एक माह पहले शिकायत की थी कि उनके मोबाइल पर व्हॉट्सअप से एक लिंक आया। इसके बाद अंजान नंबर से कॉल आई।
कॉलर ने खुद को बैंक का अधिकारी बताया और लिंक पर क्लिक करने को कहा। ऐसा करने के 15 मिनट बाद बैंक से मेसेज आया कि उनके खाते से 15 हजार रुपये निकल गए। उस नंबर पर दोबारा कॉल की तो वह बंद था।
ख़बरों के मुताबिक गुडंबा के कल्याणपुर निवासी अखिलेश सिंह ने बताया कि मई में मोबाइल पर एक लिंक आया। इसके बाद कॉल आई। कॉलर ने खुद को एक कंपनी का कर्मचारी बताते हुए लिंक को क्लिक करने की बात कही। जैसे ही अखिलेश ने ऐसा किया उसके खाते से 22,700 रुपये की ऑनलाइन शॉपिंग होने का मेसेज आया। यह खरीदारी दिल्ली में की गई थी।
देखा जाये तो रायबरेली रोड निवासी संजय के मुताबिक, जून में उनके मोबाइल पर व्हाट्सअप मेसेज से लिंक आया। कुछ देर बाद कॉल आई। कॉलर ने बताया कि उनका एटीएम कार्ड ब्लॉक हो गया है। दोबारा चालू करने को OTP नहीं पूछेंगे, क्योंकि इससे ठगी हो रही है। संजय को लिंक पर क्लिक करने को कहा गया। इसके बाद उनसे मेसेज बॉक्स खोलकर OTP देखने को कहा। इतने ही देर में खाते से 17,500 रुपये निकल गए।
वहीं आज सभी के हाथों में एंड्रायड मोबाइल फोन है। इनका इस्तेमाल सावधानी से करना जरूरी है। जरा सी लापरवाही से आप ठगी के शिकार हो सकते हैं। दरअसल, साइबर जालसाजों ने अब नए तरीके से एप के जरिये ठगना शुरू कर दिया है।
दरअसल जालसाज लिंक भेजने के बाद मोबाइल नंबर पर कॉल करते हैं। इसके बाद बातों में फंसाकर सिर्फ लिंक क्लिक करने को कहते हैं। साथ ही बताते हैं कि आपसे OTP नहीं मांगेंगे। सिर्फ मोबाइल पर देखिए कि मेसेज आ गया है या नहीं।
जैसे ही आप लिंक क्लिक करने के बाद मेसेज खोलेंगे, जालसाज अपने मोबाइल पर OTP देख लेते हैं। इसके बाद खाते से रुपये साफ कर देते हैं। जालसाज इन एप के जरिये फेसबुक व अन्य सोशल साइट के पासवर्ड भी हैक कर रहे हैं। इनके जरिये दूसरों को मेसेज भेजकर मोबाइल इस्तेमाल करने वाले को फंसा देते हैं।