न्यूज़ डेस्क | नवप्रवाह न्यूज़ नेटवर्क
महामारी कोरोना ने कइयों को अपनी चपेट में ले लिया है. कई घर और कई परिवार तबाह हो गए हैं. ताजा मामला पिंपरी चिंचवड़ शहर का है जहां महामारी की चपेट में आकर पति की मौत के करीबन दो माह बाद उसके विरह में उसकी पत्नी ने भी फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली. पिंपरी चिंचवड़ के भोसरी इलाके के महात्मा फुले नगर में शुक्रवार की सुबह सामने आयी इस घटना से पूरे शहर में दुख जताया जा रहा है. माता- पिता की इस तरह से मौत हो जाने से 11 और 7 वर्षीय संतानें अनाथ हो गई हैं.
गोदावरी गुरुबसप्पा खजुरकर (30) ऐसा आत्महत्या करनेवाली महिला का नाम है. 18 जुलाई को उनके पति गुरुबसप्पा उर्फ प्रकास खाजुरकर (35) की महामारी कोरोना की चपेट में आकर मौत हो गई. स्थानीय भूतपूर्व नगरसेवक जितेंद्र ननवरे ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि, गुरुबसप्पा टीवी फिटींग और इंस्टॉलेशन के काम करते थे, उसी से उनका गुजारा होता था. उनकी पत्नी गोदावरी भी छोटे- मोटे काम कर पति का हाथ बंटाती थी. इसी बीच शहर में महामारी कोरोना का संक्रमण फैलने लगा और गुरुबसप्पा भी संक्रमण का शिकार हो गए. उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था, महात्मा फुले नगर बसाहत के लोग भी उनके इलाज के लिए प्रयासरत थे. हालांकि 18 जुलाई को इलाज के दौरान गुरुबसप्पा ने दम तोड़ दिया. वे अपने पीछे 11 साल का बेटा, सात साल की बेटी, मां और पत्नी से भरा परिवार छोड़ गए.
पति की मौत के बाद घर कैसे चलाएंगे, बच्चों का पालन-पोषण कैसे होगा? इन सवालों ने उनकी पत्नी गोदावरी को निराशा में धकेल दिया. पति के मरने का विरह सहन नहीं हो रहा था, इसके चलते गोदावरी ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. आज सुबह यह घटना सामने आयी. अब गुरुबसप्पा के परिवार में उनकी मां और दो छोटे बच्चे रह गए हैं. इस घटना से पूरे शहर में दुख और शोक जताया जा रहा है. उनके बच्चों की मदद के लिए लोग भी आगे आ रहे हैं.
शिवसेना शहर संगठक सुलभा उबाले दोनों बच्चों के पूरे ख़र्च का जिम्मा उठाया है. वहीं पूर्व नगरसेवक जितेंद्र ननवरे ने दोनों बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाया है. गोदावरी का मायका सोलापुर-कर्नाटक की सीमा पर है. उनके मायके वाले पिंपरी चिंचवड़ में आने के बाद उनकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार किया जाएगा, ऐसा ननवरे ने बताया.