राजेश सोनी | Navpravah.com
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इतेहादुल मुसलिमीन के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने मुसलमानों को ललकारते हुए कहा कि जब चार फीसदी राजपूत एकजुट होकर पद्मावत रिलीज के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर सकते हैं, तो 14 फीसदी मुसलमान शरीयत कानून को बचाने के लिए क्यों नहीं एकजुट हो सकते हैं?
एक न्यूज चैनल के मुताबिक, ओवैसी ने कहा कि जब फिल्म में रानी पद्मावती पर कुछ गलत दिखाया गया, तो 4 फीसदी राजपूत फिल्म के खिलाफ उठ खड़े हुए और कहने लगे थिएटर जला दूंगा, एक्टर की नाक काट लूंगा, फिल्म निर्देशक का सिर धड़ से अलग कर दूंगा, लेकिन सिनेमा रिलीज होने नहीं दूंगा। वे लोग मात्र चार फीसदी हैं, लेकिन उन्होंने अपनी आवाज सही तरीके से सभी जगह पहुंचा दी, मगर हम लोग असहाय बने हुए हैं।
ओवैसी यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि राजपूतों ने मुसलमानों को आइना दिखा दिया है। उन्होंने कहा कि अभी भी उनका संघर्ष जारी है। वो पद्मावत फिल्म रिलीज नहीं होने देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन शरीयत को बचाने के लिए हम लोग क्या कर रहे हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने आज फिल्म का विरोध करने वालोंको झटका देते हुए, सभी राज्य सरकारों से कानून-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं और राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दायर पूर्ण विचार याचिका को खारिज कर दिया है। फिल्म 25 जनवरी को रिलीज होगी। कोर्ट ने कहा कि लोगों को यह समझ लेना चाहिए कि सर्वोच्च न्यायालय का यह आदेश अनुपालन के लिए है।