सुनील यादव | Navpravah.com
बिटकॉइन एक ऐसा शब्द है, जिसकी चर्चा आज दुनियाभर में है। तेज़ी से अपना पैर पसार रही बिटकॉइन एक ऐसी वर्चुअल करेंसी है, जिसे न तो कोई देख सकता है न ही कोई छू सकता है। जहाँ शुरुआत में 1 बिटकॉइन का मूल्य शून्य था, वहीं 9 साल बाद यह ख़बर लिखे जाने तक 1 बिटकॉइन की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में लगभग 13,675 अमेरिकन डॉलर के बराबर है। यही वजह है कि इस करेंसी ने महज 8 सालों में दुनियाभर के निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित किया है।
भारतीय रूपए के हिसाब से देखा जाए, तो आज 1 बिटकॉइन की कीमत लगभग 8,69,710 रूपए है। आख़िर किस तरह यह करेंसी शून्य से शिखर तक पहुंची, क्या कारण है कि आज विश्वभर के निवेशकों की इसमें दिलचस्पी बढ़ती ही जा रही है, इसके दिन-ब-दिन प्रचलित होने के पीछे का रहस्य क्या है? आईये जानते हैं क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन के बारे में-
क्या है बिटकॉइन?
बिटकॉइन डिजिटल मुद्रा है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से लॉन्च किया गया है। यह करेंसी आम मुद्रा की तरह न दिखाई देती है और न ही कोई इसे छू सकता है, ऐसा माना जाता है कि यह नियंत्रण से बाहर है। कॉइन्स मुद्रित नहीं हैं, जैसे कि डॉलर या यूरो, वे लोगों द्वारा उत्पादित किए जाते हैं और तेजी से व्यवसाय करते हैं। जो दुनिया भर में कंप्यूटर चला रहे हैं, सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हुए गणितीय समस्याओं का समाधान करते हैं, उन्हें इसके बदले कुछ बिटकॉइन्स प्राप्त होते हैं।
बिटकॉइन को किसने बनाया?
सातोशी नाकामोतो नामक एक सॉफ़्टवेयर डेवलपर ने 2009 में बिटकॉइन का प्रस्ताव रखा, जो गणितीय प्रमाण पर आधारित एक इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली थी। हालाँकि बिटकॉइन के शोधकर्ता के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है।
बिटकॉइन किस प्रकार अन्य मुद्राओं से अलग है?
बिटकॉइन का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक रूप से ऑनलाइन ख़रीददारी के लिए किया जा सकता है। इस अर्थ में यह परंपरागत डॉलर, यूरो या येन की तरह है, जिससे डिजिटल रूप से भी कारोबार किया जाता है। हालांकि, बिटकॉइन की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसका विकेंद्रीकृत होना है, जो इसे परंपरागत पैसों से अलग बनाता है। इस क्रिप्टोकरेंसी का कोई एकल संस्थान नहीं है, जो बिटकॉइन नेटवर्क को नियंत्रित नहीं करता हो। दुनिया भर के बड़े कम्यूटर और सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने वाले लोग, इसके चलन पर नजर रखते हैं। लोगों को इसमें निवेश करने में आसानी होती है, क्योंकि बड़े बैंकों का इन पैसों पर कोई कंट्रोल नहीं होता।
कैसे बनते हैं बिटकॉइन?
बिटकॉइन को अन्य मुद्राओं की तरह प्रिंट नहीं किया जा सकता। इसे बाकी मुद्राओं की तरह बैंक में सेव करके नहीं रख सकते। बिटकॉइन पर किसी बैंक का स्वामित्व नहीं होता। यह एक वर्चुअल करेंसी है, जो कि मैथेमेटिक्स पर आधारित होती है, जिसे माइनर्स बड़े कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर मैथेमेटिकल फॉर्मूले के द्वारा इसे बनाते हैं। इसे माइंड करना भी कहा जाता है। बिटकॉइन को डिजिटली माइनर्स का एक ग्रुप (जिसमें कोई भी हो सकता है) इसे माइंड करता है। इसके बाद उसे कुछ बिटकॉइन मिलते हैं। यही ग्रुप दुनिया भर में बिटकॉइन से हो रही तमाम ट्रांजेक्शन पर नज़र भी रखता है। हालांकि ये माइनर्स भी केवल 21 मिलियन बिटकॉइन ही क्रिएट कर सकते हैं, क्योंकि इसके बाद यह खत्म हो जाएगी।
लोग बिटकॉइन में क्यों इन्वेस्ट करना चाहते हैं?
ट्रांजेक्शन में बिटकॉइन बेहद फ़ास्ट है। किसी एक बैंक से दूसरे बैंक में चेक के द्वारा मनी ट्रांजेक्शन में हमें कुछ दिन लग जाते हैं। इंटरनॅशनल बैंकों के ट्रांजेक्शन में भी काफी समय लगता है, पर बिटकॉइन के साथ ऐसा नहीं है। यह बेहद आसानी से और केवल 10 मिनटों में एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर हो जाती है।
सेंट्रल बैंक भी नहीं छीन सकता-
बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी है। बिटकॉइन पर किसी सेंट्रल अथॉरिटी का स्वामित्व नहीं होता। इसलिए इसे कोई भी बैंक किसी धारक से छीन नहीं सकता। भारत सरकार के अनुसार, अगर किसी बैंक के एकाउंट में एक सीमा से ज्यादा पैसा हो, तो उसे कालाधन मानकर बेनामी संपत्ति घोषित कर दी जाती है, लेकिन बिटकॉइन के साथ ऐसा नहीं है। बिटकॉइन कितनी भी हो, कोई सरकार या बैंक इसे आपसे छीन नहीं सकता। यह एक बड़ी वजह है, जो लोगों को बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
बिटकॉइन के क्या नुकसान हैं?
-इसमें कोई नियंत्रण प्राधिकार, बैंक या कोई सरकार नहीं है, जिसकी वजह से इसकी कीमत कम ज्यादा होती रहती है।
-अगर आपका बिटकॉइन अकाउंट है, तो आप बिटकॉइन वापस नहीं ले सकते हैं और इसमें सरकार आपकी किसी भी तरह से मदद नहीं करेगी।
बिटकॉइन को कहां खरीद और बेच सकते हैं?
बिटकॉइन की दुनिया भर में बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, बहुत सी कंपनियों में आज इसका चलन है। कॉइनबेस, लोकल बिटकॉइन्स, बिटक्विक, कॉइनकॉर्नर, बिटबार्गेन, झेपो, बिटकॉइन को लेकर ये कुछ अधिक बार यूज़ की गई वेबसाइट्स हैं। यहां आसानी से बिटकॉइन को सेल अथवा परचेज़ किया जा सकता है। इनमें से कुछ साइट्स विक्रेताओं को बोनस इत्यादि भी देती हैं। भारत में भी इन दिनों बिटकॉइन से लेन-देन में बढ़ोत्तरी आई है। बिटकॉइन से आसानी से ग्राहक बिना किसी हेर-फेर के खरीददारी कर रहे हैं। इसके बढ़ते चलन को देखते हुए भारतीय ऑनलाइन बाजारों ने भी बिटकॉइन को स्वीकारना शुरू कर दिया है। बिटकॉइन से किए हुए इन्वेस्टमेंट की जानकारी गुप्त होने से लोग इसका अधिक पैमाने पर इस्तेमाल कर रहें हैं।
क्या बिटकॉइन लीगल है?
आज विश्व के सभी देशों में बिटकॉइन का चलन है, लेकिन जापान और ऑस्ट्रेलिया को छोड़ किसी अन्य देश ने अब तक बिटकॉइन को लीगल नहीं किया है। सभी देशों ने इसमें इन्वेस्ट करने को लेकर सतर्कता बरतने को कहा है। आपकी बिटकॉइन गतिविधियों की वैधता यह निर्भर करती है कि आप कौन हैं, आप कहाँ हैं और आप इसके साथ क्या कर रहे हैं? भारतीय रिजर्व बैंक भी बिटकॉइन के बढ़ते मामलों को देखते हुए दो बार ज्ञापन दे चुकी है। भारत सरकार ने इस करेंसी में अपने रिस्क पर निवेश करने को कहा है।
हमने इस मामले के जानकार अधिवक्ता आनंद रूप से बात की और उनसे बिटकॉइन द्वारा किये जाने वाले अपराधों पर संवैधानिक सजा के प्रावधान के बारे में विस्तार से जाना, आइये जानते हैं-
बिटकॉइन एक प्रामणिक मुद्रा है, जिसका उपयोग विश्वभर में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। भारत में भी इसका चलन है, पर इसके लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने कोई गाइडलाइन्स नहीं तैयार की है। हालाँकि इसके बढ़ते चलन को देखते हुए रिज़र्व बैंक ने दो बार नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि निवेशक अपने जोखिम पर इस मुद्रा में निवेश कर सकते हैं। इस निवेश से जुड़ी भविष्य में अगर कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो इसके लिए आरबीआई और भारत सरकार जिम्मेदार नहीं होगी।
अमेरिका में बिटकॉइन से टेररिस्ट फंडिंग के मामले भी सामने आये हैं, अगर भारत में ऐसा होता है तो इसपर भारत सरकार क्या कदम उठाएगी? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “भारत में अब तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन अगर ऐसा कोई केस आता है, तो फिर बिटकॉइन को भारत में अवैध घोषित कर दिया जायेगा।
इसी से सम्बंधित सवालों पर मुंबई के एडवोकेट श्रीनिवास चक्रवर्ती से हमारी बात-चीत हुई,
बिटकॉइन में बढ़ते निवेश को लेकर अगर भारत में कहीं कोई धोखाधड़ी का मामला सामने आता है, तो क्रिमिनल को किस धारा के तहत सजा मिलेगी?
-भारत में इसके लिए सजा का कोई विशेष प्रावधान नहीं बनाया गया है। अभी बिटकॉइन यहाँ पूरी तरह हावी नहीं है, पर अगर भविष्य में ऐसा कोई मामला आता है, तो ऐसे लोगों के खिलाफ साइबर एक्ट, सेबी एक्ट, मनीलॉन्डरिंग एक्ट के तहत मुकदमें चल सकते हैं। बिटकॉइन बाहरी करेंसी है, इसलिए अगर कोई ऐसे स्टॉक एक्सचेंज से बिटकॉइन एक्सचेंज करता है, जिसे सरकारी मान्यता प्राप्त नहीं है, फिर उस पर कार्रवाई की जा सकती है।
आतंकी संगठन ISI बिटकॉइन और क्रिप्टो मुद्रा की फंडिंग स्वीकार रहा है-
मेर अमीत इंटेलीजेंस एंड टेररिज्म सेंटर ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में पूरी दुनिया को सावधान करते हुए बताया गया कि अब आतंकी संगठन ISI से संबंधित वेबसाइट्स ने बिटकॉइन और क्रिप्टो मुद्रा में फंडिंग स्वीकारना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि नवंबर 2017 में बिटकॉइन की फंडिंग स्वीकारने के लिए आतंकवादी संगठन ISI ने अपने आतंकी संगठन से संबंधित अबू अल-मुसलमीन नाम की वेबसाइट बनाई है। इस वेबसाइट में एक लिंक भी दी गई, जिस पर लोग बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी के ज़रिए पैसे दे सकते हैं। इस फंडिंग का आतंकवादी संगठन ISI हथियार खरीदने के लिए और पूरी दुनिया में आतंकवाद फैलाने के लिए इस्तेमाल करेगा।
बता दें कि हाल ही में अमेरिका से ख़बर आई थी कि बिटकॉइन और क्रिप्टो मुद्रा का आतंकी गतिविधियों में दुरुपयोग हुआ है। अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर से न्याय विभाग ने पाकिस्तान में जन्मी ज़ूबिआ शहनाज़ (27) नाम की महिला को 20 सितंबर को गिरफ्तार किया। इस महिला पर गंभीर आरोप है कि इसने लगभग 85,000 डॉलर की चोरी कर उस काले धन को वैध कराया है। इस धन को वैध कराकर इस महिला ने उन 85,000 डॉलर को बिटकॉइन और क्रिप्टो मुद्रा में बदलवा लिया, जिसका उपयोग इस महिला ने खूंखार आतंकी संगठन ISI को फंडिंग करने के लिए किया।
यह महिला अमेरिका में प्रयोगशाला टेक्नीशियन के तौर पर काम करती थी। शहनाज़ पर अमेरिका के न्याय विभाग ने बैंक धोखाधड़ी, काले धन को वैध करने की साज़िश के साथ आतंकवादी फंडिंग करने जैसे मुक़दमे दर्ज किए हैं। इस महिला पर सीरिया और ईराक में आतंकवाद फैला रहे आतंकी संगठन ISI को फंडिंग करने का गंभीर आरोप है। ISI को फंडिंग करने के बाद यह महिला ईराक भागने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाई और अमरीकी न्याय विभाग द्वारा पकड़ी गई।