सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव में पारदर्शिता और सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अब तक चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को हलफनामे में सिर्फ चल-अचल संपत्तियों का बयोरा देना होता था, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के आज के फैसले के बाद प्रत्याशियों को अपने साथ-साथ अपनी पत्नी और आश्रितों के आय का स्त्रोत भी बताना होगा।
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय में लोक प्रहरी एनजीओ और ADR ने याचिका दाखिल कर कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय चुनाव सुधारों को लेकर आदेश दे कि नामांकन के वक्त प्रत्याशी अपनी और अपने परिवार की आय के स्त्रोत का खुलासा भी करें। याचिका में पूछा गया था कि यह सर्वोच्च न्यायालय को तय करना था कि नामांकन के वक्त प्रत्याशी अपनी और अपने परिवार की आय के स्रोत का खुलासा करे या नहीं। लोक प्रहरी एनजीओ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था।
वहीं मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सांसद और विधायकों की संपत्ति में 500 गुना बढ़ोतरी को लेकर सुनवाई करते हुए सवाल उठाया था कि अगर सांसद और विधायक ये बता भी दें कि उनकी आय में इतनी तेजी से बढ़ोत्तरी बिज़नेस कर के हुई, तो सवाल उठता है कि सांसद और विधायक होते हुए आप कोई भी बिज़नेस कैसे कर सकते हैं।
गौरतलब है कि अप्रैल 2017 में अपने हलफनामे में चुनाव सुधारों को लेकर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि नामांकन के वक्त प्रत्याशी द्वारा अपनी और अपने जीवन साथी और आश्रितों की आय के स्त्रोत की जानकारी जरूरी करने को केंद्र तैयार है। केंद्र ने कहा कि काफी विचार करने के बाद इस मुद्दे पर नियमों में बदलाव का फैसला लिया गया है।