परीक्षा पर चर्चा: पीएम मोदी ने कहा, “आप भारत के पीएम से नहीं, अपने मित्र से बात कर रहे हैं” 

'परीक्षा पर चर्चा' में बोलते हुए पीएम मोदी
'परीक्षा पर चर्चा' में बोलते हुए पीएम मोदी (PC:ANI)

राजेश सोनी | Navpravah.com 

पीएम मोदी आज दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम कर रहे हैं। पीएम मोदी परीक्षा के समय तनाव और घबराहट जैसी स्थिति से कैसे निपटना चाहिए, इस पर बच्चों के साथ चर्चा कर रहे हैं। पीएम ने अपनी माँ को परीक्षा के दौरान सबसे बड़ा सलाहकार बताया है और कहा कि कार्टून मुझे परीक्षा के समय स्ट्रेस फ्री करते थे। वहीं उन्होंने मौजूद बच्चों से कहा कि आप लोग मुझसे देश के प्रधानमंत्री के तौरपर नहीं, एक मित्र के तौरपर बात कीजिए। परीक्षा पर चर्चा में मौजूद बच्चें पीएम मोदी से सीधा संवाद कर रहे हैं। 

उन्होंने आगे कहा कि आत्मविश्वास खुद को चुनौती देने और कड़ी मेहनत करने के द्वारा आता है। हमें अपने आप को बेहतर बनाने के बारे में हमेशा सोचना चाहिए। उन्होंने एकाग्रता बढ़ाने के लिए योग को बहुत महत्वपूर्ण बताया है। सही स्किल्स और साधनों के मिलने के बाद एक छात्र के जीवन में सिर्फ आत्मविश्वास की जरूरत है। अपने भीतर के विद्यार्थी को कभी मरने मत दें, अगर भीतर का विद्यार्थी जीवन भर जीता है, तो वह जीने की प्रेरणा भी देता है। छात्र अक्सर ज्ञान के लिए माता सरस्वती की पूजा करते हैं। लेकिन, एग्जाम के दिन वह सभी हनुमानजी की पूजा करते हैं।

बता दें कि यह चर्चा प्रधानमंत्री की ‘परीक्षा वारियर्स’ नाम की बुक आने के दो सप्ताह बाद हो रही है। इसमें 25 मंत्र शामिल हैं, जिसमें छात्र बिना तनाव के परीक्षाओं का सामना कैसे करें, यह बताया गया है। एग्जाम वॉरियर के बाद पीएम मोदी की यह एक और पहल है। पीएम का कहना है कि समय का भरपूर इस्तेमाल करें। पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। नंबर से ज्यादा अहम ज्ञान होता है। 

यह मेरा कार्यक्रम नहीं, यह देश के करोड़ों बच्‍चों का कार्यक्रम है-

छात्रों से चर्चा के दौरान पीएम ने कहा कि भूल जाइये कि आप प्रधानमंत्री से बात कर रहे हैं, मैं आपका दोस्‍त हूँ, पीएम ने कहा कि वैसे भी मुझे यहां तक पहुंचाने में मेरे शिक्षकों का ही बड़ा योगदान है। पीएम ने तीन छात्रों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि, स्‍वामी विवेकानंद कहा करते थे कि अपने आप को कम मत मानो, वे आत्‍मविश्‍वास जगाने की बात किया करते थे, यह मेरा कार्यक्रम नहीं, यह देश के करोड़ों बच्‍चों का कार्यक्रम है।

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