न्यूज़ डेस्क | नवप्रवाह न्यूज़ नेटवर्क
कोरोना के बीच मानसून सत्र के 9वें दिन सोमवार को राज्यसभा से निलंबित 8 विपक्षी सांसद रातभर धरने पर बैठे रहे, धरना अब भी जारी है. इस बीच राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश उनके लिए सुबह की चाय लेकर पहुंचे, लेकिन सांसदों ने चाय पीने से मना कर दिया. दिलचस्प बात ये भी है कि उपसभापति से असंसदीय व्यवहार करने की वजह से ही सांसदों को निलंबित किया गया है. इन सांसदों ने रविवार को कृषि बिलों के विरोध में राज्यसभा में हंगामा किया था. सदन की रूलबुक फाड़ दी और माइक तोड़ने की कोशिश भी की थी.
सस्पेंड हुए सांसदों को सपोर्ट करने के लिए सोमवार रात दूसरे विपक्षी दलों के सांसद भी पहुंचे. कई नेताओं ने बताया कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब संसद परिसर में रातभर प्रदर्शन चला हो. हालांकि, विधानसभाओं में ऐसा होता रहा है.
आप के सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर कह, “यह व्यक्तिगत रिश्ते निभाने का वक्त नहीं है. हम किसानों के लिए धरने पर बैठे हैं. उपसभापति जी मिलने आए, हमने उनसे भी कहा कि संविधान को ताक पर रखकर किसान विरोधी काला कानून बिना वोटिंग के पास किया गया, जबकि भाजपा अल्पमत में थी और आप भी इसके लिये जिम्मेदार हैं.
धरने पर बैठे सांसदों ने अपने-अपने घरों से तकिया और कंबल ही नहीं, बल्कि मच्छर भगाने की दवा भी मंगवा ली. इमरजेंसी के लिए मौके पर एक एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है. उनकी बड़ी चिंता अपने दो साथियों- कांग्रेस के रिपुन बोरा और सीपीआई के ई करीम को लेकर है, क्योंकि दोनों की उम्र 65 साल से ज्यादा है और दोनों ही डायबिटीज के पेशेंट हैं.