मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने बुधवार को फिर इतिहास रच दिया है. एक स्टार्टअप के रूप में शुरू की गई रिलायंस आज भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी है. रिलायंस का बाजार पूंजीकरण बुधवार को कारोबार के दौरान 16 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े के पार चला गया. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी का शेयर 2.2 फीसदी की बढ़त के साथ 2,368 रुपये पर पहुंच गया. यह इसका सर्वकालिक उच्च स्तर है. अंत में यह 0.26 फीसदी की बढ़त के साथ 2,324.90 रुपये पर बंद हुआ और कंपनी का बाजार पूंजीकरण 15.33 लाख करोड़ पर पहुंच गया. रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में पिछले छह महीने से कम समय में 173 फीसदी से ज्यादा तेजी आ चुकी है.
अपना ही रिकॉर्ड तोड़ती आई है रिलायंस
18 अक्तूबर 2019 में रिलायंस नौ लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण वाली कंपनी बन गई थी. यह भारत की पहली कंपनी थी जिसका बाजार पूंजीकरण नौ लाख करोड़ रुपये हुआ था.
28 नवंबर 2019 को रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 10 लाख करोड़ के पार चला गया था. जबकि उससे पिछले सप्ताह कंपनी की हैसियत 9.50 लाख करोड़ रुपये थी.
देश के दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी की कंपनी का बाजार पूंजीकरण 19 जून 2020 को 11 लाख करोड़ रुपये के पार हो गया. तब मुकेश अंबानी ने कच्चा तेल से लेकर दूरसंचार तक विस्तृत क्षेत्रों में कारोबार करने वाली अपनी कंपनी के शुद्ध रूप से ऋण-मुक्त होने की घोषणा की थी, जिसके बाद कंपनी का हैसियत में 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई थी.
इसके बाद छह जुलाई 2020 को RIL ने फिर इतिहास रचा. तब शेयरों में भारी उछाल से इसकी बाजार हैसियत 26,150.05 करोड़ रुपये बढ़कर 11.5 लाख करोड़ के पार यानी 11,59,318.60 करोड़ रुपये हो गई.
13 जुलाई 2020 में कंपनी का बाजार पूंजीकरण 12 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया. शेयर में तेजी के चलते कंपनी का बाजार पूंजीकरण बीएसई पर 38,163.22 करोड़ रुपये बढ़कर 12,29,020.35 रुपये पर पहुंच गया था.
22 जुलाई 2020 को रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण तेजी से बढ़ा और 13.17 लाख करोड़ रुपये (176.4 अरब डॉलर) पर पहुंच गया. तब फोर्ब्स की अमीर व्यक्तियों की वास्तविक समय पर जारी की जाने वाली सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी 75 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ पांचवें पायदान पर आ गए थे. 24 जुलाई 2020 को रिलायंस ने फिर इतिहास रचा. कारोबार के दौरान रिलायंस का बाजार पूंजीकरण 14 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े के पार चला गया था. कंपनी के शेयरों में तेजी के चलते उसने इस मुकाम को हासिल किया था.