वर्ल्ड डेस्क। Pakistan की एक स्थानीय अदालत के जज ने संदिग्ध हालात में मृत पाई गई हिंदू छात्रा नमृता चांदनी मामले की न्यायिक जांच से इन्कार कर दिया है। इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शनों के बाद गृह विभाग ने इसकी न्यायिक जांच का आदेश दिया था।
Pakistan के सिंध प्रांत के घोटकी जिले की रहने वाली नमृता लरकाना के बीबी आसिफा डेंटल कॉलेज में स्नातक की छात्रा थीं। उनका शव गत 16 सितंबर को हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटका मिला था।
लरकाना की जिला और सत्र अदालत के जज गृह विभाग के आदेश के बावजूद नमृता मामले की न्यायिक जांच कराने के खिलाफ दिखे। पुलिस ने इस बारे में गृह सचिव अब्दुल कबीर काजी को सूचित कर दिया है। गृह सचिव इस समय विदेश दौरे पर हैं।
हिरासत में 32 संदिग्ध
पुलिस इस मामले में अब तक 32 लोगों को हिरासत में ले चुकी है। पकड़े गए लोगों में नमृता के दो सहपाठी मेहरान अब्रो और अली शान मेमन भी हैं। पुलिस इन दोनों का मोबाइल कॉल डाटा खंगाल रही है। पुलिस की पूछताछ में मेहरान ने दावा किया था कि नमृता उससे प्यार करती थी, लेकिन उसने शादी से इन्कार कर दिया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर उठी अंगुली
पिछले हफ्ते आई नमृता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर कराची स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ अंगुली उठा चुके हैं। वह यह कह चुके हैं कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भले ही आत्महत्या जाहिर होती है, लेकिन गले पर पड़े निशान गला घोंटने की ओर इशारा करते हैं।